गुहला चीका : शिक्षा विभाग की ओर से टीजीटी शिक्षकों को पीजीटी प्रमोट करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन पास करने की तिथि को आधार बनाने से अध्यापकों में रोष है। उनका कहना है कि हरियाणा में कभी भी प्रमोशन में पोस्ट ग्रेजुएट पास करने की तिथि को आधार नहीं बनाया गया। अब तक अध्यापक के नियमित होने की तिथि को आधार बनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग में एमए या एमएससी पास करने की तिथि 1.1.2014 से पहले निर्धारित करके अध्यापको के साथ अन्याय किया है।
अध्यापक संघ के राज्य प्रधान प्रदीप सरीन, चेयरमैन कुलभूषण शर्मा व राज्य उपप्रधान विक्रम भट्टी ने बताया कि इन काफी अध्यापकों को नियमित हुए 10 से 12 वर्ष हो चुके हैं। ये अध्यापक 10 वर्षों की एडहाक सर्विस के बाद नियमित हुए हैं। ऐसे में उन तदर्थ से नियमित अध्यापकों को तो प्रमोशन की प्रतीक्षा करते हुए 20 से 22 वर्ष हो गये हैं। प्रमोशन से भरे जाने वाले पद गणित व विज्ञान विषय इतने अधिक पैंडिंग हैं, जितनी के आवेदन भी नहीं पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति में प्रमोशन के लिए डेट आफ पासिंग का आब्जेक्शन लगाना जायज नहीं है। इसे तुरंत प्रभाव से हटा कर अप टू डेट प्रमोशन दी जानी चाहिए।
ई-पोस्टिंग के बहाने सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य भुगतान का काम रुका हुआ है। विभाग के मुताबिक वेबसाइट तब तक नहीं खुलेगी, जब तक सभी ई-पोस्टिंग संबंधित कार्यों का निष्पादन न हो जाए। प्रवक्ता रविंदर राणा ने बताया कि विभाग डिफाल्टर स्कूलों को छोड़ कर बाकी स्कूलों के लिए सैलरी की साइट खोले।
तबादलों में स्टेशन चुनने का मौका मिले
अध्यापक संघ के प्रांतीय महासचिव संजीव मंदोला ने बताया कि यदि विभाग की यह सोच है कि 10 से 15 वर्षों से एक ही स्टेशन पर नियुक्त सभी अध्यापक अपने अपने मनपसंद स्टेशनों पर नियुक्त हैं तो यह गलत भी हो सकता है। तबादले अध्यापकों की इच्छा व आवेदन के आधार पर ही होने चाहिए। सामान्य तबादलों में नियम व शर्तों का उल्लेख पहले से होना चाहिए। नीतियों व नियमों में ढील देने के नाम पर धांधली बर्दाश्त नहीं होगी। dt
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