भिवानी : अप्रैल माह में स्कूलों में दाखिलों को लेकर गैर सरकारी ही नहीं सरकारी स्कूल भी डोर टू डोर हो रहे हैं। खास बात देखिये दोनों ही अभिभावकों को अपनी अपनी खासियतें बता रहे हैं। लेकिन अभिभावक असमंजस में हैं। प्राइवेट स्कूल तरह तरह के प्रलोभन दे रहे और खुद को सरकारी से बेहतर होने का दावा कर रहे हैं। जहां तक जिले भर में स्कूलों की बात है जिले में 1138 सरकारी और 800 से अधिक स्कूल प्राइवेट है। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को दाखिल करने के लिए सरकारी स्कूलों ने भी ताल ठोंकी हैं।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हालांकि सरकार के कोई लिखित आदेश नहीं हैं फिर भी मौखिक आदेश माने जाते हैं। इसके तहत सरकारी स्कूलों पर कम पढ़ाई करने का लगा ठप्पा हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। दाखिलों के सीजन में सरकारी स्कूलों ने भी प्रयास तेज किए हुए हैं।
बच्चों को स्कूल लाने को यूं किया जा रहा
डोर टू डोर अभियान में जुटे कुछ शिक्षकों ने बताया कि जब सरकारी स्कूल में प्राइवेट से बेहतर सुविधाएं हैं और सभी ट्रेंड टीचर हैं तो सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई हो सकती है। सरकारी स्कूलों में ही बच्चे पढ़ें। इसके लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों की तरफ अभिभावक और बच्चे ना भागें।
सरकारी स्कूलों में ये मिल रही सुविधाएं
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो सरकारी स्कूलों में भी बेहतर सुविधाएं हैं। पढ़ाई अच्छी करवाई जा रही है। अभिभावक सरकारी स्कूलों में ही बच्चों के दाखिले करवाएं। स्कूलों में कुछ इस प्रकार की सुविधाएं भी बच्चों को दी जा रही हैं:
* एससी बीसी के बच्चों की फीस माफ
* 8 तक बच्चों की किताबें फ्री
* एससी बच्चों को छात्रवृत्ति 12वीं तक
* मिड डे मील दिया जाता है
* एससी बच्चों को स्कूल बैग भी दिए जाते हैं
* बच्चों को ड्रेस के पैसे दिए जाते हैं
* स्टेशनरी के पैसे दिए जाते हैं
सरकारी स्कूलों में शिक्षा सस्ती और अच्छी
अधिकारियों ने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा सस्ती और अच्छी है। लोग इस धारणा से उबरें और समझें। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट से बेहतर पढ़ाई करवाई जा रही है। इस बार स्पेशल फोकस किया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में बेहतर से बेहतर पढ़ाई करवाई जाए। जिन स्कूलों के शिक्षकों के परिणाम खराब आएंगे उन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा विशेष परिवर्तन यह देखने को मिल रहा है कि सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई करवाने के लिए खुद शिक्षक भी आगे आ रहे हैं।
बढि़या पढ़ाई करवाने का दे रहे भरोसा
आप सरकारी स्कूल में बच्चों को दाखिल करवाइये। हम प्राइवेट से बढि़या पढ़ाई करवाएंगे। डोर टू डोर जाने वाले अध्यापक अभिभावकों को इस प्रकार का भरोसा दे रहे हैं। अध्यापक जयवीर ¨सह और जसवंत ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। बेहतर काम करवाया जा रहा है। जहां कोई कमी नजर आए तो एसएमसी है।
यह है जिले में सरकारी स्कूलों की पोजीशन
स्कूलों में बेहतर पढ़ाई को हर संभव प्रयास
"सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अभिभावकों को भी समझाया जा रहा है। घरों में जाकर भी बच्चों और अभिभावकों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में बताया जाता है।"-- जेपी सभ्रवाल, खंड शिक्षा अधिकारी
"गुणवत्ता परक शिक्षा पर स्कूलों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों और अभिभावकों को घर घर जाकर भी अध्यापक समझा रहे हैं। सरकारी स्कूलों के महत्व और उनमें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जा रहा है। अभिभावक समझ भी रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई करवाई जा रही है।"-- सतबीर सिवाच, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।। dj
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