** राज्य शिक्षक पुरस्कारों के लिए अभी तक नहीं मांगे गए आवेदन
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवारत सात हजार प्राध्यापकों को
पांच महीने से वेतन नसीब नहीं हुआ है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के
तहत आवंटित बजट का उचित प्रबंधन न होने के कारण प्राध्यापक खाली जेब हैं।
डाइट संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापकों को भी दो-तीन माह से तनख्वाह नहीं
मिली है। निदेशालय में चक्कर काट कर थक चुके प्राध्यापकों के वेतन को लेकर
अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
स्कूल लेक्चरर हर साल राज्य शिक्षक
पुरस्कारों के लिए मांगे जाने वाले आवेदन में देरी करने को लेकर भी खफा
हैं। हर साल ये आवेदन शिक्षक दिवस से करीब एक महीना जिला शिक्षा अधिकारी
कार्यालयों के जरिए मांग लिए जाते थे। हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन
(हसला) के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने कहा कि स्कूल प्राध्यापकों के
संबंधित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुनकर सरकार को विसंगतियों का
निवारण करना चाहिए। शिक्षा विभाग अभी तक सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार
के उद्देश्य से शिक्षा ढांचे में एकरूपता नहीं ला पाया है।
यदि शिक्षा
विभाग ने एक सप्ताह में सभी विसंगतियों को हल करने के लिए आवश्यक कदम नहीं
उठाए तो संगठन की राज्य कार्यकारिणी भावी आंदोलन की रूपरेखा तय कर स्कूल
प्राध्यापकों के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ेगी। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.