फरीदाबाद : निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी सिलेबस से पढ़ाई कर सकेेंगे। विभाग ने कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए सालभर का सिलेबस सभी प्राथमिक पाठशालाओं मेें जारी कर दिया है। इसके आधार पर ही अब इन स्कूलों में पढ़ाई होगी। नई व्यवस्था के तहत स्कूलों की गतिविधियों पर पूरी तरह से निगरानी रखने का अधिकार निजी स्कूलों के पास होगा।
अध्यापक ने क्या पढ़ाया है और क्या नहीं। अभिभावक को लगता है कि कक्षा में पढ़ाए गए सिलेबस के अनुसार काम नहीं हुआ है तो वह विभाग से शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर सकता है। वहीं, सिलेबस स्कूल की दीवारों पर भी लिखवाया जाएगा। हर विषय का सिलेबस दीवारों पर अलग रंग से लिखा होगा। हिंदी का सिलेबस गहरे हरे रंग, अंग्रेजी नीले रंग, गणित का काले रंग से लिखा जाएगा। राहुल कॉलोनी की प्राथमिक पाठशाला में इस तरह का प्रयोग किया जा चुका है।
अभिभावक भोला सिंह कहते हैं कि आर्थिक कमजोरी के बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं। अगर सरकारी स्कूलों में सुविधाएं मिलें तो निजी स्कूलों की मनमानी अपने आप कम हो जाएगी। अजरौंदा प्राथमिक पाठशाला के हेड मास्टर चतर सिंह का कहना है कि निजी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट क्लास रूम, अध्यापक और अभिभावकों की मीटिंग, सिलेबस से पढ़ाई, शौचालय आदि तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। शिक्षा के सुधार के लिए सरकार की यह अच्छी पहल है, लेकिन यह कारगर तभी हो सकती है जब अभिभावक अध्यापक का साथ दें। अभिभावक रोजाना अपने बच्चे की नोटबुक जरूर देखें और पीटीएम मीटिंग में भाग लें।
"सभी स्कूलों में स्लेबस जारी कर दिया है। वहीं बोर्ड पर सिलेबस लिखवाने के लिए स्कूलों को बजट जारी कर दिया गया है। अब सिलेबस के आधार पर ही अध्यापक को पढ़ाना होगा।"-- राम कुमार फलसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी au
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