नई दिल्ली : कांग्रेस और राष्ट्रीय केन्द्र सरकार कर्मचारी परिसंघ ने कहा है कि सातवें वेतन आयोग में सेवानिवृत्ति आयु घटाने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध किया जाएगा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी और परिसंघ के सचिव आई ए सिद्दीकी ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर मीडिया में जो खबरें सामने आ रही हैं, उससे ऐसी आशंका है कि सेवानिवृत्ति आयोग 60 से घटाकर 58 वर्ष कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार गैर योजना खर्च कम करने के लिये ऐसा कदम उठा सकती है, जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी। वर्ष 2013-14 में 2 लाख 54 हजार करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर खर्च हुए थे जबकि 74 हजार 76 करोड़ रुपये पेंशनधारियों पर व्यय हुए थे। उन्होंने कहा कि यह आशंका इसलिये और प्रबल हो रही है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सरकार ने सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से घटाकर 58 कर दी है।
कांग्रेस अपनी मांग के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अगुआई में कल जंतर मंतर पर धरना भी देगी। सिद्दीकी ने कहा कि पहले यह होता आ रहा है कि 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता होने पर से उसे मूल वेतन में मिला दिया जाता था लेकिन इस वर्ष जनवरी तक महंगाई भत्ता 113 प्रतिशत तक हो चुका है। उन्होंने मांग की कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन के साथ मिलाया जाना चाहिए।
सिद्दीकी ने कहा कि इससे पहले भी केन्द्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की सरकार थी तो 2004 में पेंशन को बंद कर दिया गया था। छठे वेतन आयोग में जीपीएफ को भी 12 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत किया गया था। वर्ष 2004 के बाद से सेवा में आने वाले कर्मचारियों को पेंशन उनके योगदान के जरिये ही मिलती है। h.com
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.