** शिक्षा विभाग ने अधिगम संकेतक न लिखाने पर लगाई रोक
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों के मुखिया व प्रभारी
का वेतन रोक दिया है। पगार अब तभी मिलेगी जब स्कूलों की दीवारों पर पहली से
पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए हिंदी, अंग्रेजी व गणित के पाठ लिखे
होंगे। अधिगम संकेतक यानि लर्निग इंडीकेटर को स्कूल मुखिया या इंचार्ज को
अपनी जेब से पैसा खर्च कर लिखाना होगा, क्योंकि विभाग ने इसके लिए स्कूलों
को कोई बजट आवंटित नहीं किया है। छह हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल हेड
टीचर्स और इंचार्ज ने इसके लिए राशि मुहैया कराने को पत्र भी लिखे, मगर एक
रुपया तक नहीं मिला।
शिक्षा निदेशालय ने इसी बीच स्कूलों के सौंदर्यीकरण के
लिए पांच हजार रुपये की राशि जारी कर दी पर अधिगम संकेतक के लिए अलग से
कोई बजट नहीं दिया। इन्हें दीवारों पर लिखने में बारह से पंद्रह हजार रुपये
प्रति स्कूल खर्च आना है। इतनी बड़ी राशि कोई स्कूल मुखिया व प्रभारी अपनी
जेब से लगाने को तैयार नहीं है। इसी कारण अधिकांश स्कूलों में अभी तक
अधिगम संकेतक लिखने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। 1स्कूलों को बजट
आवंटन हुआ या नहीं, शिक्षा निदेशालय ने इस पर गौर किए बिना 25 अगस्त को
जिला शिक्षा अधिकारियों को प्राइमरी स्कूल मुखिया का वेतन जारी न करने के
निर्देश दे दिए। जिला शिक्षा अधिकारियों ने भी खंड शिक्षा अधिकारियों,
मिडिल, हाई एवं सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्य को पत्र लिख अगस्त
महीने का वेतन जारी न करने के निर्देश दिए गए हैं। निदेशालय का आदेश लागू
होने पर लगभग साढ़े छह हजार प्राइमरी स्कूलों के मुखिया को सितंबर में वेतन
नहीं मिलेगा। याद रहे कि बीते 16 जुलाई को शिक्षा विभाग ने अधिगम संकेतक
लिखाने का पत्र स्कूलों को भेजा था।
निदेशालय के निर्णय का
करेंगे विरोध
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान विनोद ठाकरान प
महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि अधिगम संकेतक दीवारों पर लिखना अच्छी पहल
है। स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिए बजट मुहैया कराए। स्कूल मुखिया अपनी
जेब से पंद्रह हजार रुपये खर्च नहीं कर सकता। उसे भी अपना घर चलाना है।
अगस्त महीने का वेतन सितंबर में अगर स्कूल हेड टीचर्स को नहीं मिला तो इसका
कड़ा विरोध किया जाएगा। जल्द ही इस मामले को स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान
सचिव के समक्ष उठाएंगे। dj
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