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Friday, 21 August 2015

मान्यता देने के नियमों में करेंगे संशोधन

** सीनियर सेकेंडरी शिक्षा विभाग निदेशक का निजी स्कूल संचालकों को आश्वासन 
कुरुक्षेत्र : हरियाणा सीनियरसेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक एमएल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों को मान्यता देने के नियमों में संशोधन करेगी। सरकार के पास मान्यता संबंधित जितने भी लंबित मामले पड़े हैं, उन्हें तत्परता से निपटाया जाएगा।  
कौशिक गुरुवार को केयू के आरके सभागार में राज्यस्तरीय प्राइवेट विद्यालयों के एक दिवसीय सेमिनार में बोल रहे थे। सेमिनार में प्रदेश के जिलों की सभी प्राइवेट स्कूल यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों के साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अगर इस मामले में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी नाजायज रूप से तंग करेगा या भ्रष्टाचार में संलिप्त मिलता है तो उस पर एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 134 का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। फैसला आने पर ही कुछ कहा जाएगा। 
सभी स्कूल प्रदेश देश संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य करें। किसी को भी संस्कृति के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। जो भी स्कूल ऐसा करता पाया गया तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। 
मंथन के बाद लाएंगे शिक्षा प्रणाली में सुधार 
उन्होंने कहा कि सेमिनार में प्रतिनिधियों द्वारा रखे सुझावों पर मंथन किया जाएगा नई शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाएगा ताकि शिक्षा प्रणाली का सभी को फायदा मिल सके। हरियाणा विद्यालय बोर्ड भिवानी के सचिव श्रीपंत ने कहा कि शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाना सरकार का लक्ष्य है। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। सबके साझे प्रयासों से ही यह संभव हो पाएगा। 
दोबारा शुरू हो आठवीं बोर्ड परीक्षा : 
वक्ताओं ने कहा कि पांचवीं और आठवीं का बोर्ड खत्म होने से बुरे परिणाम सामने आए हैं। अगर 5वीं या 8वीं में से किसी एक कक्षा का बोर्ड फिर से शुरू कर दिया जाए तो बच्चों की शिक्षा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। कुछ सदस्यों ने कानून के अनुसार सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए कहा। कहा कि अधिकतर स्कूल कानून का पालन कर रहे हैं। सिर्फ अधिकारियों को कानून के अनुसार पालना कराने के लिए काम करना होगा। इसके अलावा स्कूलों की मान्यता के नियमों को रिलेक्स करना, प्राइवेट स्कूलों को सुविधाएं उपलब्ध कराना, मान्यता प्रक्रिया को सरल बनाना, धारा-134 का सरलीकरण करना, सीएलयू की प्रक्रिया सरल करना, जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए मान्यता की शक्तियों को बढ़ाना, लम्बित मामलों को निपटाने, विशेषकर मान्यता के मामलों का निपटारा किया जाए। वर्ष 2003 से पूर्व चल रहे प्राइवेट स्कूलों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाए और मान्यता के नियमों में छूट दी जाए। सीनियर सेकेंडरी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक वीएस सभ्रवाल, एडीसी प्रभजोत सिंह, संयुक्त निदेशक वंदना गुप्ता, उप-जिला शिक्षा अधिकारी अरूण आश्री ने भी संबोधित किया। 
संचालक बोले- सभी स्कूलों को मिले स्थाई मान्यता 
सेमिनार में हर जिले से आए दो प्रतिनिधियों को मंच पर अपने-अपने जिले से संबंधित प्राइवेट स्कूलों एवं सरकार के बीच समस्याओं से अवगत कराने और उनका निवारण विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों का पंजीकरण किया जाए और रोजगार को चलने दिया जाए। शिक्षा बोर्ड की 10वीं 12वीं के सभी स्कूलों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाए। नौ 10 सालों से जो स्कूल चल रहे हैं, उन स्कूलों में गजों के हिसाब से जिन नियमों को शामिल किया जा रहा है, उसमें संशोधन करके एक कक्षा एक रूम के हिसाब से किया जाए और चार साल तक की मोहलत दी जाए। वहीं, वक्ताओं ने कहा कि पांचवीं और आठवीं का बोर्ड खत्म होने से बुरे परिणाम सामने आए हैं। अगर 5वीं या 8वीं में से किसी एक कक्षा का बोर्ड फिर से शुरू कर दिया जाए तो बच्चों की शिक्षा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है।                                                              db

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