चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार की ओर से नौकरी से बाहर किए गए सरप्लस गेस्ट टीचरों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बेंच के फैसले के खिलाफ दाखिल की अपील में डिवीजन बेंच से कोई राहत तो नहीं मिली लेकिन गेस्ट टीचरों की दलील सुनने केबाद डिवीजन बेंच ने उन्हें पुनर्विचार अपील करने की अनुमति दे दी। इससे उत्साहित 82 और गेस्ट टीचरों ने भी एकल बेंच के फैसले के खिलाफ डिविजन बेंच में बुधवार को अर्जियां लगा दीं।
बुधवार को गेस्ट टीचरों ने डिविजन बेंच के समक्ष कहा कि वह सरप्लस नहीं हैं और सरकार के कुछ अधिकारियों द्वारा एकल बेंच के सामने पेश किए गए आंकड़ों एवं जवाब में परस्पर विरोधाभास है, जो रिकार्ड पर आ चुका है। गेस्ट टीचरों का कहना है कि वैसे भी सरकार के पास शिक्षकों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं, इसलिए गेस्ट टीचरों को सरप्लस कहना गलत है। अपील में यह भी कहा गया कि एक ल बेंच ने इन तथ्यों पर गौर नहीं किया।
जस्टिस सूर्यकांत की डिवीजन बेंच ने गेस्ट टीचरों के वकीलों से पूछा कि यह तथ्य एकल बेंच में सुनवाई के दौरान उठाए जाने चाहिए थे। डिवीजन बेंच ने हालांकि अपील खारिज नहीं की और गेस्ट टीचरों को एकल बेंच के फैसले पर पुनर्विचार की अर्जी दाखिल करने की छूट दे दी। au
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