सिरसा : देशभर में राष्ट्रीय पात्रता यानी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी) परीक्षा देने वाले उम्मीदवार अब गलत सवाल का दावा फ्री में नहीं कर सकेंगे, क्योंकि उन्हे प्रत्येक सवाल के दावे के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को एक हजार रुपये देने होंगे। यदि उम्मीदवार का दावा सहीं निकला तो ही उन्हे वो रुपये वापस मिल सकेंगे। कहीं न कहीं सीबीएसई के इस फैसले से उम्मीदवार गलत सवाल का दावा करने में अब कतराएंगे और बोर्ड को भी इस झझट से कुछ हद तक राहत मिलेगी। बोर्ड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक दावा करने वाले अभ्यर्थी उनके सवाल की कीमत के अनुसार क्रेडिट, डेबिड कार्ड एवं चालान के माध्यम से उक्त राशि बोर्ड में जमा करवा सकेंगे। बता दें कि 28 जून को देश भर के परीक्षा केंद्रों पर असिस्टेंट लेक्चरर्स और जूनियर रिसर्च फेलो के लिए नेट की परीक्षा आयोजित की गई थी और इसमें लाखों उम्मीदवार बैठे थे। बोर्ड द्वारा साल में दिसबंर एवं जून के माह में दो बार यह परीक्षा ली जाती है। दरअसल, हर साल उम्मीदवारों द्वारा काफी संख्या में गलत सवाल के लिए दावे किए जाते है और अक्सर उनके दावे गलत साबित होते है। ऐसे में बोर्ड एग्जाम टीम को परेशानी झेलनी पड़ती है। इसलिए बोर्ड द्वारा शुल्क की शर्त निर्धारित की गई है।
वेबसाइट पर अपलोड हुए प्रश्नों के उत्तर
उक्त परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के सीबीएसई द्वारा ओएमआर यानी ऑप्टिकल मार्कर रीडर स्वयं की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए है। साथ ही परीक्षा के सवालों के जवाब भी अपलोड किए गए हैं। इन्हे देखकर अभ्यर्थी अपने प्रश्रनें का मूल्याकन कर सकते है। इससे उन्हे पता लग जाएगा कि उनके कितने प्रश्रनें के उत्तर सहीं एवं गलत है। यदि वेबसाइट पर डाले गए उत्तर किसी भी अभ्यर्थी को गलत लगते है तो वह उसके लिए दावा कर सकता है।
आंसर की कर दी गई है अपलोड : सहायक निदेशक
बोर्ड के सहायक निदेशक डॉ. सुगंध शर्मा का कहना है कि आसर की अपलोड कर दी गई है। यदि किसी भी उम्मीदवार को कुछ गड़बड़ी लगती है तो वह उसे चुनौती दे सकता है। प्रत्येक प्रश्रन् के लिए उम्मीदवार को एक हजार रुपये बोर्ड को देने होंगे। वेबसाइट पर इसको लेकर विस्तार से जानकारी डाल दी गई है। जल्द ही उक्त परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। dj6:44pm
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