भिवानी : राजनेताओं व नौकरशाहों के बीच पैदा हुए टकराव के बाद हरियाणा
अध्यापक पात्रता परीक्षा अक्टूबर माह तक टालने से शिक्षा बोर्ड की डगर और
मुश्किल हो गई है। शिक्षा मंत्री के नए फैसले से पात्रता परीक्षा पहली बार
घरेलू जिलों में होने जा रही है।
प्रदेश में सन 2008 से स्टेट की शुरुआत
की गई थी। प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाए गए पर घरेलू जिलों में
परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए, बल्कि इस दौरान परीक्षा केंद्र आस-पास के
जिलों में बनाए गए थे। इसके बावजूद इस दौरान हुई धांधलियों ने तत्कालीन
सरकार व बोर्ड की खूब फजीहत करवाई थी। इसको लेकर उच्च न्यायालय में मामला
विचाराधीन है और न्यायालय के आदेश पर 2008 व 2009 में हुए स्टेट का पूरा
रिकार्ड भिवानी के पंचायत भवन में सील किया हुआ है। तत्कालीन सरकार ने
स्टेट के आधार पर 2011 में जेबीटी भर्ती भी कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर
जांच हुई तो चौंकाने वाले परिणाम आए। प्रदेश के 798 उम्मीदवार फर्जी मिले
और 6300 उम्मीदवारों का रिकार्ड संदिग्ध था। अंगूठों के निशान मेल नहीं खा
रहे थे। करीब साढ़े आठ हजार में से केवल 1100 उम्मीदवारों का ही रिकार्ड
सही पाया गया था। इस गड़बड़ी की फजीहत ङोल रही तत्कालीन सरकार ने 2011 में
कठोर फैसला किया। इस दौरान स्टेट को एचटेट नाम दे दिया गया और प्रदेश के
मंत्रियों वाले सात जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए। इस फैसले के
बाद से बोर्ड की साख कुछ बची। शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का तो यहां तक
मानना है कि हालात 2008 व 2009 से भी बदतर होंगे। क्योंकि दसवीं व बारहवीं
कक्षा की तरह नकल का बोलबाला रोकने में बोर्ड व सरकार को कड़े इंतजाम करने
होंगे।
अक्टूबर में भी एचटेट कराना नहीं होगा आसान :
भले ही शनिवार को हुई
बैठक में अक्टूबर माह में एचटेट करवाने का फैसला लिया गया हो पर प्रदेश में
आने वाले हालात इसके खिलाफ हैं। क्योंकि शिक्षा बोर्ड प्रशासन को सितंबर
माह में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं संचालित करवानी हैं, जो अक्टूबर माह
तक चलती हैं। यदि दोनों परीक्षाएं एक साथ करवाने का फैसला किया गया तो
बोर्ड प्रशासन के लिए दो नावों पर सैर करने के समान होगा। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.