** सेंटर बदलने के कई तर्क लेकर पहुंचे थे अफसर, मंत्री बोले-करना तो पड़ेगा
रेवाड़ी : हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के सेंटर गृह जिलों में बनाने का फैसला इतनी आसानी से नहीं हुआ। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ऐसा करना चाहते थे, लेकिन विभाग के अफसर तर्कों का पिटारा लेकर बैठे थे। प्रधान सचिव एवं हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन टीसी गुप्ता की ओर से सबसे बड़ा तर्क दिया गया कि गृह जिले में सेंटर बनने से नकल होगी। इस पर मंत्री ने डांटने के लहजे में कहा दिया कि अगर परीक्षा में नकल होती है तो यह आप की चूक है और इस चूक को सुधारना ही पड़ेगा।
फिर अफसर बोले, सेंटर बदल दिए जाएंगे लेकिन इसके लिए समय चाहिए होगा, बोर्ड को असुविधा होगी। मंत्री ने कहा, बोर्ड के ढाई सौ कर्मियों की असुविधा के लिए साढ़े चार लाख युवाओं को कैसे परेशान किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री अड़े तो अफसर भी लाजवाब हो गए। शर्मा एचटेट की तारीख बढ़ाने पर राजी हो गए। 21 अगस्त देर रात तक शिक्षा मंत्री की अधिकारियों से बातचीत होती रही। शनिवार को अधिकारियों की बैठक में अपनी घोषणा को स्वीकृति दिलाने के बाद प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि यह उनके राजनीति जीवन का ऐतिहासिक दिन है।
2011 के बाद अब धुला छह जिलों का कलंक
बोर्ड ने 2011 के बाद से मेवात, रोहतक, भिवानी, महेंद्रगढ़, झज्जर पलवल जिलों में एचटेट का परीक्षा केंद्र नहीं बनाया। तर्क यह दिया था कि बोर्ड की 10वीं 12वीं की परीक्षाओं में यहां नकल होती है। रामबिलास ने अफसरों से पूछा कि जब इन जिलों में बोर्ड की परीक्षाएं होती हैं तो एचटेट क्यों नहीं हो सकता।
सवाल : क्या बोर्ड ने मंत्री से राय नहीं ली
18 अगस्त को बोर्ड ने एचटेट के लिए एडमिट कार्ड वेबसाइट पर अपलोड किए। उसके बाद ही शिक्षा मंत्री सेंटर बदलवाने को सक्रिय हुए। यानी बोर्ड ने सेंटर तय करने से पहले क्या मंत्री की राय नहीं ली।
असर:
1. साढ़े चार लाख युवाओं के बचेंगे 45 करोड़ -दूर दराजसेंटर पर पहुंचने के लिए अभ्यर्थियों को औसतन एक हजार रुपए खर्च करना पड़ा।
2. बोर्ड खर्च चुका है 10 करोड़- परीक्षाकेंद्रों पर जैमर लगाने पर करीब तीन करोड़, वीडियोग्राफी पर करीब साढ़े तीन करोड़, बायोमैट्रिक मशीनों पर करीब साढ़े तीन करोड़ और प्रश्न पत्रों पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। db
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