** परिचर्चा : नई शिक्षा नीति के तहत जिले भर के स्कूल में हजारों लोगों ने दिए अपने-अपने सुझाव
** सुरक्षा सुविधा पर दिया जोर
हिसार : जिलेभर के सरकारी स्कूलों में रविवार को नई शिक्षा नीति के तहत परिचर्चा हुई। सरकार की और से शिक्षा सिस्टम को सुधारने के लिए गांव-गांव से जनभागीदारी के तहत सुझाव मांगे हैं। जिसके आधार पर नई शिक्षा नीति बनाई जाएगी। इस शिक्षा नीति के लिए गांव के स्कूल मुखिया स्टाफ, एसएमसी सदस्यों, गांव के गणमान्यजन, शिक्षित बेटियों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
गांव दुर्जनपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में करीब 150 लोगों ने सरकारी की नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए अपने-अपने सुझाव दिया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य प्रवीन कुमार खत्री ने की। दुर्जनपुर के अधिकतर लोगों मत रहा कि विद्यार्थियों की आठवीं पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दोबारा से लागू की जाए। वहीं मिड-डे मील के मीन्यू में भी बदलाव किया जाए आंगनबाड़ी वर्करों को भी स्कूल से जोड़ा जाए। एसएमसी प्रधान जय प्रकाश राजेंद्र जांगड़ा ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी की जाए मिड-डे मील का काम भी शिक्षकों से ने लिया जाए। सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाए।
पांच हजार लोगों ने अपने मत रखे
डीईईओबलजीत सहरावत ने बताया कि रविवार को जिले भर के सरकारी स्कूलों में नई शिक्षा नीति के लिए सुझाव मांगे गए। जिसमें करीब पांच हजार लोगाें ने अपने-अपने मत रखे। परिचर्चा में निर्णय लिया गया कि शिक्षा नीति में सरकारी अधिकारियों अध्यापकों के बच्चे भी सरकारी स्कूल में पढ़ने का नियम हो, छात्राओं अशक्त बच्चों के लिए स्कूल आने जाने की सुविधा देने, एसएमसी कमेटियों को स्कूल संचालन की महत्वपूर्ण अधिकारों के साथ-साथ दंड के प्रावधान दिए जाएं, साथ ही एसएमसी सदस्यों का टर्म के बीच में बदलने, स्कूलों को बच्चों की बेहतर सुरक्षा, सुविधा, पार्क, पूरा स्टाफ अलग अलग कक्षाएं उपलब्ध कराने तथा स्कूल के आवश्यकतानुसार संपूर्ण विकास योजना के लिए प्रतिवर्ष अप्रैल माह में ही पूरे साल का बजट मिलना चाहिए।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.