चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों से 3581 अतिथियों को विदा कर अब मनोहर
सरकार मुफ्त में शिक्षक ढूंढ़ रही है। सरकार को निश्शुल्क पढ़ाने वाले
शिक्षकों की तलाश उन साढ़े तीन सौ के करीब स्कूलों के लिए है जो गेस्ट
टीचर्स की सेवाएं खत्म होने के बाद से बिना शिक्षक के हैं। सरकार को गेस्ट
की विदाई के समय उम्मीद थी कि जल्द ही 9455 नव चयनित जेबीटी व कानूनी जांच
का सामना कर चुके कुछ पीजीटी की नियुक्ति जल्द हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ।
हाईकोर्ट में नियुक्तियों को लेकर पेंच फंसता ही जा रहा है।
इससे नई
नियुक्तियां में जहां देरी हो रही है, वहीं स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई
चौपट। अभिभावकों ने सरकार को अनेक शिकायतें इस बाबत भेजी हैं। अतिथि
अध्यापकों को हटा चुकी सरकार ने अब स्कूल शिक्षा विभाग को सेवानिवृत्त व
प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों की सेवाएं लेने की सलाह दी है। शर्त यह है
कि सेवानिवृत्त व प्रशिक्षित अध्यापकों को मुफ्त में पढ़ाना होगा।
स्कूल
शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में ऐसे शिक्षक
ढूंढने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल
प्रिंसिपल, अध्यापकों और आहरण एवं वितरण अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है
कि जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। उनमें उसी गांव या आसपास के गांव
के सेवानिवृत्त व प्रशिक्षित अध्यापकों से निशुल्क सेवाओं के लिए संपर्क
बनाएं। उन्हें बताया जाए कि अभी नई नियुक्तियां होने में समय है और
शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है, इसलिए वे पुनीत
कार्य में सहयोग करें। हाल ही में जारी इन निर्देशों के बाद अब स्कूल
मुखिया को बच्चों को पढ़ाने के लिए मुफ्त में शिक्षक ढूंढ़ने का काम भी मिल
गया है। स्कूल मुखिया दबी जुबान में इसका विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना
है कि वे पहले से ही कई तरह के कार्यो के बोझ तले दबे हैं। निशुल्क पढ़ाने
वाले शिक्षक खोजना आसान नहीं है, चूंकि गेस्ट की सेवाएं समाप्त करने के बाद
से कोई भी मुफ्त में पढ़ाने को तैयार नहीं है। सरकार ने गेस्ट को सरप्लस
दिखा कर हटा तो दिया लेकिन उनका विकल्प नहीं खोज पाई। dj
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