चंडीगढ़ : नई शिक्षा नीति पर रविवार को होने वाले मंथन में शहरी स्थानीय
निकायों के तहत आने वाले स्कूलों को शामिल नहीं किया जाएगा। सुझाव दिवस
केवल ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही मनाया जाएगा। प्रदेश की 6076 ग्राम
पंचायतों के स्तर पर स्कूलों में ग्राम सभा का आयोजन होगा। सेकेंडरी
शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर स्कूलों में अवकाश रखने के निर्देश जारी कर
दिए हैं। शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ मौजूद रहेगा। बच्चे नहीं आएंगे,
सिर्फ अभिभावक ही आएंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों के साथ स्कूल का स्टाफ
नई शिक्षा नीति के लिए सुझाव लेगा। नोडल अधिकारी इसकी रिपोर्ट तैयार कर
निदेशालय भेजेंगे।
रोजगार की समस्या को देखते हुए बच्चों को मूल्यवान
शिक्षा देने की जरूरत महसूस की जा रही है। मानव संसाधन व विकास मंत्रलय ने
29 वर्षो के बाद नई शिक्षा नीति लागू करने की कवायद शुरू की है। स्कूली
शिक्षा पर 13 व उच्चतर शिक्षा के लिए 20 थीम निर्धारित हैं। इन पर ही लोगों
से सुझाव लिए जाएंगे।
सरपंच-पंच किस हैसियत से लेंगे भाग :
सुझाव दिवस
में सरपंच, पंच, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य, शिक्षाविद्, सम्मानित
नागरिक शामिल होंगे। स्कूल इंचार्ज नोडल अधिकारी की भूमिका में रहेंगे।
प्रदेश की पंचायतों का पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म हो चुका है। सरपंच व पंच
भी अब अधिकारिक रूप से इस पद पर नहीं रहे हैं। dj
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