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Tuesday, 18 August 2015

एचटेट के नियम सख्त : आधा घंटा पहले पहुंचना होगा सेंटर में, दो बार देने होंगे अंगूठे के निशान

** एचटेट में गड़बड़ी होने की वजह से हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा बोर्ड पर लगाया था एक लाख का जुर्माना 
भिवानी : हाईकोर्ट के लगाए एक लाख के जुर्माने से सहमा स्कूल शिक्षा बोर्ड अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। इसी वजह से इस बार नियमों के कई बदलाव कर दिए गए हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए कोई छूट नहीं मिलेगी। 
परीक्षार्थी को 30 मिनट पहले सेंटर में पहुंचना होगा। पहले 20 मिनट पहले सेंटर में प्रवेश पा सकते थे। अमूमन पांच मिनट पहले तक भी आकर इंट्री मिल जाती थी। 30, 31 अगस्त को होने जा रही परीक्षा में प्रदेश भर से करीब साढ़े चार लाख युवा बैठेंगे। शिक्षा बोर्ड के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि नए नियमों को लेकर शिक्षा अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है, ताकि वे नकल रहित परीक्षा हो सके। 
उल्लेखनीय है कि चार अगस्त को ही हाईकोर्ट ने बोर्ड पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया था, क्योंिक जेबीटी भर्ती में बहुत से ऐसे लोग भी भर्ती हो गए थे, जिन्होंने फर्जी तरीके से एचटेट पास किया था। हाईकोर्ट ने इसे बोर्ड की लापरवाही माना। 
डाउनलोड करें एडमिट कार्ड जिनलोगों ने एचटेट के लिए आवेदन किया है उनकी रोलनंबर सेंटरों की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है। 18 अगस्त से रोलनंबर डाउनलोड किए जा सकेंगे। अलग से एडमिट कार्ड नहीं भेजा जाएगा। 
हाजिरी के लिए इंक लेस पैड 
परीक्षार्थियों के अंगूठे के निशान लेने के लिए इंक लेस पैड का इस्तेमाल किया जाएगा। इसी पर परीक्षार्थियों का थंब इंप्रेशन दर्ज किया जाएगा। वहीं परीक्षा केंद्र में कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिली तो भले ही परीक्षार्थी उसका उपयोग नकल करने में करता मिला हो लेकिन यूएमसी केस (नकल करने का मामला) बनाया जाएगा। 
बायोमैट्रिक मशीन के अलावा उत्तर पुस्तिका पर भी लगेगा अंगूठा 
इसपरीक्षा के दौरान परीक्षार्थी को दो बार अंगूठे के निशान देने होंगे। पहला निशान परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते ही बायोमैट्रिक मशीन में देना होगा और दूसरा निशान उत्तरपुस्तिका पर देना होगा। यह निशान इंक लेस पैड से लिया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि इस पैड से लिए अंगूठे के निशान स्पष्ट होते हैं और गहरी स्याही से निशानों को मिटाकर भ्रमित नहीं किया जा सकता। इस पैड का इस्तेमाल सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां ही करती हैं।                                                                       db

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