हिसार : शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए 5 से 14 अप्रैल तक फसली अवकाश की घोषणा की है वह शिक्षकों को रास नहीं आया। इस अवकाश का लाभ विद्यार्थी तो ले पाएंगे, लेकिन शिक्षक उनसे वंचित रह जाएंगे। इसका कारण है कि 10 अप्रैल को लोकसभा चुनाव है, जिसमें शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी लगी हुई है। यहीं कारण है कि शिक्षकों ने फसली अवकाश का विरोध शुरू कर दिया है। शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग ने छुट्टियां गलत समय पर की है। शिक्षकों ने इसका तर्क दिया है कि यह समय स्कूलों में नए सत्र के दाखिले का है।
छुट्टियों की तिथि आगे बढ़ाने की मांग
सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी सहित पदाधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में स्कूलों में नए सत्र के लिए दाखिले चल रहे हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं के दूसरे सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य चल रहा है तथा सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम हमारे सामने है। ऐसे में अध्यापक संघ मांग करता है कि फसली अवकाश को ग्रीष्म अवकाश के साथ जोड़कर 22 मई से 30 जून तक किए जाएं। ऐसा ही सुझाव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को भेजा है। उन्होंने मांग की है कि यदि फसली अवकाश करना हैं तो 15 अप्रैल के बाद किए जाएं, तब तक दाखिला, मूल्यांकन व चुनाव कार्य संपन्न हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि संघ के फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, चुनाव आयोग व शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। db
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