** ग्यारहवीं का रिजल्ट न आने से अगली क्लास में नहीं मिल रहा दाखिला
बिलासपुर : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ढुलमुल कार्यशैली का खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। तीन महीने पहले आए रि-अपीयर के रिजल्ट के सर्टिफिकेट आज तक जारी नहीं किए गए हैं। इससे बच्चों को आगे दाखिला लेने में दिक्कतें आ रही है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी कक्षा की पिछले साल सितंबर महीने में हुई रि-अपीयर की परीक्षा का परिणाम जनवरी महीने में घोषित कर दिया गया था। लेकिन उसका अंक तालिका आज तक जारी नहीं की गई। जिन स्टूडेंट्स ने इस परीक्षा में पास अंक ले लिए है। प्रमाण पत्र न होने की वजह से उनका ग्यारहवीं कक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है। जिस कारण इन बच्चों को अगली कक्षा में दाखिला लेने मे दिक्कत आ रही है।
पास होने पर भी दाखिला नहीं:
बोर्ड की खामी के चलते ग्यारहवीं कक्षा में पास होने पर भी उनको अगली कक्षा में दाखिला नहीं दिया जा रहा है। स्कूल संचालकों की मजबूरी है कि बिना दसवीं की अंक तालिका के वे ग्यारहवीं का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर सकते। हालांकि बच्चे ग्यारहवीं क क्षा में पास है, लेकिन दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र न आने के कारण उनका रिजल्ट घोषित नहीं कर सकते। जिस कारण उनको अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिल रहा है।
पढ़ाई हो रही प्रभावित:
अभिभावक सुरेंद्र कुमार, रणजीत सिंह, बलबीर सिंह, अजमेर सिंह व अजैब सिंह का कहना है कि अगली कक्षा बोर्ड की कक्षा है। बारहवीं में दाखिला लेट होने से उनके बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है। उनका कहना है कि जब स्कूल में दाखिले के लिए जाते है तो टीचर दसवीं का सर्टिफिकेट मांगते है। सर्टिफिकेट बोर्ड ने जारी नहीं किया। ऐसे में उनके बच्चे न तो घर पर ही बैठे है।
बनी असमंजस की स्थिति:
ग्यारहवीं कक्षा के छात्र रोहित, क्षितिज, अभिषेक, रोशन अली, मुश्ताक व अजय का कहना है कि उन्होंने दसवीं की रि-अपीयर की परीक्षा सितंबर में दी थी। बोर्ड ने रिजल्ट तो दे दिया, लेकिन डीएमसी जारी नहीं की। दसवीं कक्षा में रि-अपीयर होने के कारण उनका ग्यारहवीं कक्षा का परिणाम भी रोक लिया गया है। उनका कहना है कि एक महीने की पढ़ाई तो खराब हो गई। जितनी देरी बोर्ड उनकी डीएमसी भेजने में करेगा उतनी ही देरी से उनका बारहवीं कक्षा में दाखिला होगा। अभिभावकों व बच्चों ने बोर्ड सचिव को पत्र भेज कर दसवीं कक्षा की डीएमसी शीघ्र जारी करने की मांग की है।
स्कूल की भी मजबूरी: प्रिंसिपल
राजकीय आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल सुमेर चंद शर्मा का कहना है कि ग्यारहवीं का परिणाम रोकना उनका मजबूरी है। जब तक स्टूडेंट दसवीं कक्षा का सर्टिफिकेट पेश नहीं करता उसका बारहवीं कक्षा में दाखिला नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि रि-अपीयर के दाखिला फार्म बच्चे अपने स्तर पर भेजते हैं। ऐसे में उनका परिणाम भी बच्चों के घर भेजा जाता है। अलग से कोई गजट या रिजल्ट स्कूलों को नहीं भेजा जाता। जिस कारण बच्चे के परिणाम के बारे स्कूल को कोई सूचना नहीं होती। dbymnr
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