सिरसा : शिक्षा विभाग का अजीब सिस्टम है। कभी राशि नहीं भेजते और कभी राशि भेजकर प्लान नहीं बताते। ऐसा ही मामला अब भी हुआ है, जब राशि भेज तो गई मगर यह नहीं बताया गया कि राशि भेजी किस कार्य के लिए है। जिला के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग ने एक साथ 11 हजार 200 रुपये की दो किस्तें तो जमा करा दी लेकिन यह नहीं बताया कि आखिर यह राशि किस प्लान के तहत जमा हुई है और कैसे खर्च की जानी है। ऐसे में स्कूल लेवल पर समस्या पैदा हो गई है। कुछ स्कूलों ने तो यह राशि वापस विभाग को जमा कराने का फैसला कर लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी स्कूलों के एसएमसी खातों में पिछले वर्ष 11 हजार 200 रुपये की दो किश्तें जमा कराई गई। हालांकि मौखिक तौर पर कहा गया कि यह राशि स्कूल विद्यार्थियों के लिए वर्दी की है लेकिन लिखित रूप में कोई पत्र नहीं भेजा गया।
इस कारण स्कूल स्तरीय अध्यापकों और एसएमसी सदस्यों के लिए समस्या पैदा हो गई कि यदि राशि खर्च करने के बाद कोई पत्र आ गया तो क्या होगा। कुछ स्कूलों में इस राशि से बच्चों की वर्दियां दे दी गई लेकिन अधिकतर स्कूलों में इस राशि को खर्च नहीं किया गया। राशि खर्च नहीं कर पाने वाले स्कूलों की ओर से वापिस विभाग को जमा कराई जा रही है। ऐसे में बच्चों के लिए आई राशि बिना प्रयोग किए ही वापस जमा हो रही है। ऐसे में नुकसान केवल विद्यार्थियों का हो रहा है।
शिक्षा विभाग का नियम है कि विभाग की ओर से भेजी जा रही प्रत्येक राशि का विवरण पत्र पर होगा और दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे कि आखिर राशि को कैसे और किस मद के तहत खर्च किया जाना है। ऐसे में यदि राशि को बिना नियम के ही खर्च की जाए तो स्कूल अध्यापकों पर गाज गिर सकती है। इसलिए कई स्कूल संचालक इस राशि को खर्च करने में गुरेज कर रहे हैं।
"सभी स्कूलों में यह राशि वर्दी के लिए आई है। लेकिन इसके साथ कोई पत्र लिखित में नहीं है। मौखिक तौर पर सभी को पता भी है। हालांकि कुछ स्कूलों में यह राशि खर्च की गई है जबकि कुछ स्कूलों की ओर से वापस राशि जमा कराई जा रही है।"--प्रोमिला, खंड परियोजना समन्वयक
"यह राशि किस योजना के तहत आई है मुङो जानकारी नहीं है। मंगलवार को पता करके बताता हूं। वैसे स्कूल खातों में जारी होने वाली प्रत्येक राशि किस्त के साथ पत्र जरूर जारी होता है। यह अलग बात है कि पत्र स्कूल स्तर तक न पहुंचा हो। इस राशि से संबंधित पत्र को सभी स्कूलों को भेजा जाएगा।"-- सुरेश कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.