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Tuesday, 29 April 2014

अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा झेल रहे विद्यार्थी

** विभाग ने बच्चों को राशि देने के लिए मांगा बजट, निदेशालय में फाइल अटकी 
** करीब 2 करोड़ की राशि वित्त विभाग में लैप्स अंतिम क्वार्टर की छात्रवृत्ति मिलने का इंतजार 
** सॉफ्टवेयर के आगे नहीं चली अधिकारियों की, निकली नहीं दिसंबर के बाद राशि
रोहतक : सरकारी स्कूलों में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली आर्थिक मदद अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई।  
जिले के विद्यार्थियों की करीब 2 करोड़ की राशि वित्त विभाग में लैप्स हो गई और 12वीं तक के विद्यार्थियों को बीते तीन महीनों की छात्रवृति नहीं मिल पाई। जिले में भी लगभग 50 प्रतिशत बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है और अधिकारियों के पास कोई ठोस जवाब भी नहीं। छात्रवृत्ति लैप्स होने पर विभाग ने निदेशालय से करीब २ करोड़ रुपए का बजट मांगा है, लेकिन अभी तक पास नहीं हुआ है। 
जिले के छात्रों को अंतिम तीन महीनों जनवरी, फरवरी व मार्च की छात्रवृत्ति न मिलने का कारण अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय तक वित्त विभाग की ओर से तय की गई राशि नहीं निकाल पाना रहा। नियम के अनुसार दिसंबर माह तक निर्धारित बजट की 70 प्रतिशत राशि खर्च हो जानी चाहिए थी, लेकिन प्रदेश का बजट 50 प्रतिशत से भी कम खर्च हो पाया। निर्धारित समय में बजट के सापेक्ष कम राशि निकलने की वजह से वित्त विभाग के आधुनिक साफ्टवेयर ने छात्रवृत्ति का पूरा बजट ही लैप्स कर दिया। 
बता दें कि वित्त विभाग चंडीगढ़ की ओर से छात्रवृत्ति में लाखों रुपए के होने वाले घालमेल को रोकने के लिए इस बार नई व्यवस्था बनाई गई है। 
बजट आते ही मिल जाएगी छात्रवृत्ति
"जिले के लिए आबंटित बजट के अनुसार राशि को खर्च नहीं किया गया। इसकी वजह से वित्त विभाग चंडीगढ़ ने पूरे प्रदेश का बजट दिसंबर महीने में ही लैप्स कर दिया है। इससे जनवरी, फरवरी व मार्च महीने की छात्रवृत्ति छात्रों को नहीं मिल पाई है। जिले में कुछ विद्यालयों ने अपने बिल को पहले ही पास करा लिया था। उन विद्यालयों के बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है, बाकी अन्य विद्यालय के छात्रों को अभी छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। जिन विद्यार्थियों को अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है, उनके लिए बजट मांगा गया है। बजट आते ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिल जाएगी।"--बलवंत सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक। 
इनको मिलती है छात्रवृत्ति 
श्रेणी     विद्यार्थी संख्या 
एससी     21,408 
बीसी       16997 
बीपीएल  2,223 
नोट : शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार संख्या है। 
मई तक बजट मिलने के आसार 
विभागीय सूत्रों की मानें तो अभी छात्रों को जनवरी, फरवरी व मार्च महीनों की छात्रवृत्ति पाने के लिए दो महीने का और इंतजार करना पड़ सकता है। कारण यह कि अब छात्रवृत्ति का बजट फिर से तैयार कराकर पास कराना होगा। नए सिरे से पूरी प्रक्रिया होने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। बताया जा रहा है कि सभी जिलों से छात्रवृत्ति का बजट पाने के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय को डिमांड भेजी जा रही है। अब जब वहां से पैसा पास होगा, उसके बाद ही खजाना विभाग से रुपया निकल सकेगा। तभी यह राशि छात्रों को मिल पाएगी।                                               db


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