कैथल : कई प्राइवेट स्कूल संचालकों ने नियम 134-ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने से बचने के लिए अनोखे रास्ते निकाल लिए हैं। वे या तो अपने यहां बच्चों की संख्या कम दिखा रहे हैं या फिर अपने ही संस्थान में तैनात चपरासी, माली, शिक्षकों व बस चालकों के बच्चों के दाखिले इस नियम के तहत दिखा रहे हैं। कैथल के खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर ने कुछ निजी स्कूलों का रिकॉर्ड चैक किया तो पता चला कि उन्होंने बच्चों की संख्या पांच गुणा तक कम दिखा रखी है। कैथल के डीईओ दयानंद आंतिल ने कहा कि अगर किसी बच्चे को 134-ए के तहत प्राइवेट स्कूल वाले दाखिला नहीं दे रहे तो उसकी शिकायत डीईओ कार्यालय में दी जा सकती है। db
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