चंडीगढ़ : मनमाने निर्णय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक बार फिर किरकिरी हुई है। नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में तीसरी से 10वीं व 12वीं में दाखिला के लिए एंट्रेंस टेस्ट लेने के विभाग के फैसले को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने पलट दिया है। मंत्री की अनुमति के बिना ही विभाग के अधिकारियों ने गरीब बच्चों की मेरिट लिस्ट बनाने के लिए टेस्ट रख दिया था, जबकि निजी स्कूलों में खाली सीटों के मुकाबले कम आवेदन आने पर इसकी जरूरत ही नहीं थी।
दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन इसी तर्क को आधार बनाते हुए एंट्रेंस टेस्ट का विरोध कर रहा था। जनआंदोलन के सदस्यों ने मंगलवार को ही सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक के समक्ष आपत्ति जताई थी। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने विभाग के मनमाने रवैये का कड़ा संज्ञान लेते हुए एंट्रेंस संबंधी फाइल को तलब किया था। बुधवार को उन्होंने विभाग के निर्णय को गलत पाया और 11 मई को तय टेस्ट रद कर दिया।
शिक्षा विभाग को अब इन बच्चों का ड्रा भी जल्द निकालना होगा, चूंकि निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 23 दिन बीत चुके हैं। लिहाजा, इसे देखते हुए दाखिला में देरी से बच्चों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान को दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन के साथ-साथ निजी स्कूल संचालक भी मुद्दा बना रहे हैं। जनआंदोलन के अध्यक्ष सत्यवीर हुड्डा ने तो ऐलान भी कर दिया है कि अगर रविवार तक बाकी कक्षाओं के ड्रा या दाखिला को लेकर कोई उचित निर्णय नहीं होता है तो सोमवार से गरीब बच्चों के अभिभावकों के साथ प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। dj
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