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Friday, 25 April 2014

कक्षाओं का बहिष्कार, जाम एमडी के खिलाफ हूटिंग

** डेवलपमेंट फीस का विरोध 
** कॉलेज परिसर में गमले तोड़े वाहनों की हवा निकाली 
** विद्यार्थियों ने घेराव किया तो वापस लौटे एमडी
कैथल : हरियाणा कॉलेज ऑफ टेक्निकल एंड मैनेजमेंट के सैकड़ों विद्यार्थियों ने अतिरिक्त डेवलपमेंट फीस वसूली के विरोध में गुरुवार को कॉलेज में हड़ताल कर दी। छात्रों ने हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे दो घंटे जाम रखा और कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने कॉलेज के एमडी का घेराव कर लिया। हूटिंग होते देख एमडी गाड़ी वापस दौड़ा ले गए। पुलिस द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद कॉलेज प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों को अतिरिक्त फीस वसूली न करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही छात्रों ने जाम खोल दिया और शांत हुए। 
सुबह नौ बजे छात्र कॉलेज पहुंचे। कॉलेज परिसर में नोटिस बोर्ड पर छात्रों को दो हजार अतिरिक्त डेवलपमेंट फीस जमा कराने का मैसेज पड़ते ही भड़क गए। छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया और मुख्य गेट के सामने हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम कर दिया। छात्रों की अगुवाई कर रहे हरेंद्र कुंडू, अमित सिंह, अजय ग्योंग व आशीष मोर ने बताया कि कॉलेज में छात्रों से प्रति सेमेस्टर नौ हजार रुपए डेवलपमेंट फीस वसूली गई है। कॉलेज मैनेजमेंट ने अब फिर बोर्ड पर दो हजार रुपए अतिरिक्त डेवलपमेंट फीस जमा कराने का नोटिस लगाया है। जिसमें कहा गया है कि फीस अदा न करने पर उन्हें रोल नंबर जारी नहीं किया जाएगा। छात्रों से वर्दी के नाम पर 3 हजार रुपए वसूले जाते हैं। उन्हें ड्रेस कोड लागू करना चाहिए, ताकि छात्र अपनी मनमर्जी से वर्दी खरीद सके। यही नहीं कैंटीन भी मेडिकल छात्रों को सीमेंट गोदाम में कैंटीन दी है। जिसमें दस पंद्रह लड़के बैठ सकते हैं। कॉलेज में 5 हजार बच्चे हैं। वे कहां जाएंगे। 
समझाने गए एमडी वापस भागे: 
हड़ताल की सूचना मिलते ही कॉलेज के एमडी विद्यार्थियों को समझाने के लिए कॉलेज के मुख्य गेट पर पहुंचे। लेकिन रोड जाम के कारण वे फंस गए। छात्रों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। वे जैसे ही समझाने के लिए नीचे उतरे। छात्रों ने हूटिंग शुरू कर दी। इसी दौरान कुछ छात्रों ने गाड़ी के बंफर तोड़ दिया। कुछेक छात्रों ने बोनट पर मुक्के भी मारे और टायरों की हवा निकालने का प्रयास किया। गुस्साए छात्रों के रवैया को देख सेठी गाड़ी में सवार हुए और वापस चले गए। 
लिखित आश्वासन लेकर माने 
प्रिंसिपल रूम के बाहर छात्रों ने प्रिंसिपल के सामने मांग रखी। हरेंद्र कुंडू, अमित शाह व अजय ने कहा कि वे दो हजार रुपए अतिरिक्त डेवलेपमेंट फीस नहीं देंगे। वर्दियों के नाम पर तीन हजार रुपए वसूले जाते हैं, लेकिन रसीद नहीं मिलती। छह माह की एडवांस फीस लेनी बंद की जाए। प्रिंसिपल ने कहा कि यूनिवर्सिटी से बातचीत के बाद आगामी आदेशों तक वर्ष 2013-14 सत्र की अतिरिक्त डेवलेपमेंट फीस वसूल नहीं की जाएगी। छात्रों ने प्रिंसिपल से मांगे मानने का आश्वासन लिखित में देने को कहा। इस पर प्रिंसिपल ने नोटिस की कॉपी थमाई और बोले कि इसमें लिखा है कि अब वे फीस नहीं वसूलेंगे। इसके बाद छात्रों ने जाम खुलवा दिया। कुछ देर बाद छात्र कालेज परिसर में पहुंच गए। कुछेक छात्रों ने गमले तोड़ दिए और गाडिय़ों की हवा निकाल दी। 
प्रिंसिपल डीपी गुप्ता से सीधी बातचीत 
सवाल: कॉलेज में दो हजार रुपए अतिरिक्त डेवलपमेंट फीस बढ़ाई गई है। छात्र कह रहे हैं कि उनके रोल नंबर रोक दिए गए हैं। 
जवाब: कॉलेज ने कोई फीस नहीं बढ़ाई। ये फीस यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई है। वीसी से बातचीत के बाद आगामी आदेशों तक फीस कैंसिल कर दी गई है। अब छात्र रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन कार्ड ले सकते हैं। 
सवाल: छात्र कह रहे हैं कि कैंटीन मेडिकल छात्रों को दे दी है और उन्हें सीमेंट गोदाम में कैंटीन बना दी गई है? 
जवाब: ऐसा कुछ नहीं। कैंटीन रेनोवेशन का काम चल रहा है। काम पूरा होते ही कैंटीन खुल जाएगी। 
सवाल: छात्र बातचीत करने को तैयार नहीं थे। वे कह रहे थे कि बातचीत करने गए तो मैनेजमेंट जुर्माना लगाएगी? 
जवाब: छात्र किसी समय भी अपनी बात रख सकते हैं। जुर्माना लगाने का सवाल पैदा नहीं होता। 
दस किमी का अतिरिक्त सफर 
दो घंटे जाम के दौरान सैकड़ों वाहन फंस गए। इसी दौरान चंडीगढ़, अम्बाला और पिहोवा से आने वाले वाहनों को वाया उझाना से ग्योंग और कुरुक्षेत्र रोड होते हुए कैथल पहुंचे। इसी तरह कैथल से अम्बाला की तरफ जाने वाले वाहन चालक वाया जगदीशपुरा से कुरुक्षेत्र रोड होते हुए उझाना से हाईवे पर चढ़े। 
मुख्य गेट को बनाया लक्ष्मण रेखा 
कॉलेज में छात्रों ने विरोध के बाद मुख्य गेट पर कब्जा कर लिया। नेतृत्व कर रहे छात्रों गेट पर चढ़कर कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती कोई भी छात्र कॉलेज के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। दो घंटे के दौरान कॉलेज मैनेजमेंट स्टाफ ने छात्रों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। लेकिन कोई भी छात्र अंदर जाने को तैयार नहीं हुआ। इसी दौरान ट्रैफिक एसएचओ शमशेर सिंह पांच सात छात्रों को बातचीत के लिए अंदर ले गए।                                  db

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