** अन्य कक्षाओं में एडमिशन के लिए आने वाले आवेदन को स्कूल संचालक स्वीकार नहीं करेंगे
** आठ पेज का एक प्रोफार्मा तैयार किया, इस प्रोफार्मा के हिसाब से ही किया जाएगा एडमिशन
** मनमर्जी से नियमों में बदलाव कर जबरदस्ती स्कूल संचालकों पर दबाव बना रहे हैं अफसर
** शिक्षा विभाग दबाव बनाता है, तो कानूनी रूप से इसका जवाब दिया जाएगा
** लीगल एडवाइजर नियुक्त कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के नोटिस का जवाब देंगे
पानीपत : निजी स्कूल 134-ए के तहत सिर्फ पहली कक्षा में ही गरीब व असहाय बच्चों को एडमिशन देंगे। अन्य कक्षाओं में एडमिशन के लिए आने वाले आवेदन को स्कूल संचालक स्वीकार नहीं करेंगे। यह निर्णय मंगलवार को डॉ. एमकेके स्कूल में हुए हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ के प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया गया।स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के निर्देशों को धता बताने के लिए आठ पेज का एक प्रोफार्मा तैयार किया है। जिसमें 134-ए और आरटीई की तुलना करने के साथ नियम 134-ए की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है। बैठक में मौजूद स्कूल संचालकों को प्रोफार्मा वितरित करते हुए कहा गया कि बच्चों का एडमिशन इस प्रोफार्मा के हिसाब से ही किया जाए। साथ ही किसी अधिकारी के दबाव में आकर इस प्रोफार्मा से बाहर एडमिशन न करें।
स्कूल संचालकों ने 134-ए का कानूनी पक्ष जानने के लिए हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ के बैनर तले बैठक की थी। बैठक में 134-ए पर स्कूल संचालकों ने जहां अपनी राय व्यक्त की, वहीं एडमिशन को लेकर मची अफरा-तफरी से बचाव के उपाय भी पूछे। स्कूल संचालकों ने एकजुट होकर पहली कक्षा के अलावा अन्य किसी कक्षा में एडमिशन न करने पर सहमति जताई।
स्कूल संचालकों का कहना था कि 134-ए के तहत सिर्फ पहली कक्षा के बच्चों को ही एडमिशन दिया जाएगा। अगर अन्य कक्षाओं में एडमिशन के लिए शिक्षा विभाग दबाव बनाता है, तो हम कानूनी रूप से इसका जवाब देंगे। इसके लिए स्कूल संचालक लीगल एडवाइजर नियुक्त कर रहे हैं, जो शिक्षा अधिकारियों के नोटिस का जवाब भेजेगा। बैठक में संघ के राज्य प्रधान विजेंद्र मान, सचिव धर्मप्रकाश, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट धर्मदेव विद्यार्थी, एमएल चावला, जिला प्रधान जयपाल सैनी, आदित्य रोहिला, मंजू सेतिया के साथ पानीपत व राज्य के सैकड़ों स्कूल संचालक मौजूद रहे।
शिक्षा अधिकारियों को कुछ नहीं आता, बस मनमर्जी चलाते हैं
134-ए के नियमों में बार-बार किए जा रहे बदलाव से झल्लाए स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। संघ के प्रधान विजेंद्र मान ने 23 मार्च को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ चंड़ीगढ़ में हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारियों को कुछ नहीं आता। अधिकारी अपने मनमर्जी से नियमों में बदलाव कर जबरदस्ती स्कूल संचालकों पर दबाव बना रहे हैं। मान ने कहा कि बैठक में विभाग के एक उच्च अधिकारी ने यहां तक कहा कि 134-ए के तहत आने वाले बच्चों के एडमिशन के लिए अगर कुछ सामान्य बच्चों को निकालना पड़े तो उन्हें स्कूल से निकालो, लेकिन इन बच्चों का दाखिला जरूर करो।
पहली कक्षा में इन बच्चों को ही देंगे दाखिला
- मेधावी होने पर
- आर्थिक रूप से कमजोर या बीपीएल।
- भारत सरकार द्वारा जारी ग्रामीण व शहरी गरीबी रेखा की सूची में नाम होने पर।
- बच्चे की उम्र 5 से 6 वर्ष के बीच हो।
- निर्धारित समय के भीतर एडमिशन के लिए आवेदन किया हो।
- हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी हो।
पांच मई को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई
हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ ने 134-ए पर सुनवाई के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की है। जहां पर पांच मई को सुनवाई होगी। विजेंद्र मान ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा नियमों का उल्लंघन कर एडमिशन करने के लिए स्कूल संचालकों पर दबाव बनाया जा रहा है। जिसके खिलाफ यह अपील की गई है।
अनएडेड स्कूल फंड के नाम पर वसूलेंगे फीस
स्कूल संचालक 134-ए के तहत सिर्फ एडमिशन व ट्यूशन फीस ही माफ करेंगे। इसके अलावा सभी तरह के फीस को अनएडेड स्कूल फंड के नाम से वसूलेंगे। विजेंद्र मान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार स्कूल संचालक अनएडेड स्कूल फंड के नाम पर फीस ले सकते हैं। इसमें वार्षिक फीस, कंप्यूटर शिक्षा, स्मार्टक्लास, बिल्डिंग मेंटिनेंस, स्पोट्र्स, बुक, ड्रेस और ट्रांसपोर्ट का चार्ज लिया जाएगा। db
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