** पीयू ने सेमेस्टर सिस्टम के लिए कई नए नियम लागू करने का लिया फैसला
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड करीब 190 कालेज में प्रथम वर्ष से जुलाई 2014 से सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। इसको अमलीजाम पहनाने के लिए पीयू कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन ब्रांच ने दिन-रात काम शुरू कर दिया है। इसके बाद विद्यार्थियों को मिलने वाले मर्सी और गोल्डन चांस को बंद कर दिया जाएगा। 10 से 15 हजार विद्यार्थी अभी तक इस सुविधा का लाभ लेते रहे हैं। पीयू प्रशासन को भी इससे मोटी कमाई होती है। साथ ही अब कंपार्टमेंट में फेल होने पर विद्यार्थियों को चांस नहीं मिलेगा।
नई बिल्डिंग और 50 अधिकारियों की बनेगी टीम ः
सेमेस्टर सिस्टम लागू करनेे के लिए इंफ्रॉस्ट्रक्चर को लेकर प्रपोजल तैयार कर कुलपति को मंजूरी के लिए भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार, सेमेस्टर सिस्टम के लिए अधिकतर काम हाईटेक तरीके से होगा। आवेदन से लेकर डिग्री तक ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी। कालेजों से प्रेक्टिलक और अन्य डाटा भी पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगा। सेमेस्टर सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने के लिए अलग ब्रांच तैयार की जाएगी। पीयू की ओल्ड यूआईएएमएस बिल्ंिडग में इसे शिफ्ट किया जा सकता है। 50 के करीब अधिकारियों और कर्मचारियों का विंग तैयार करना होगा। जिसमें असिस्टेेंट रजिस्ट्रार से लेकर 20 क्लर्क 4 सुपरिटेंडेंट, कंप्यूटर प्रोग्राम आदि शामिल हैं। युवाओं को नए सिस्टम से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
कालेज स्टूडेंट को विषयों के कम मिलेंगे ऑप्शन ः
पीयू देश भर की यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को विषयों के चयन को लेकर सबसे अधिक ऑप्शन उपलब्ध कराता है। आर्ट्स संकाय में ही 288 ऑप्शन है। लेकिन सेमेस्टर सिस्टम में विषयों के आप्शन में कौटती कर दी जाएगी। अमर उजाला ने 21 नवंबर के अंक में विषयों के ऑप्शन में होगी कटौती... शीर्षक से सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी। अधिक ऑप्शन होने से परीक्षाओं का शेड्यूल दो महीने से अधिक चलता है। नए सिस्टम के तहत परीक्षाएं 21 से 27 दिन के भीतर पूरी कर ली जाएंगी। रिवेल्यूएशन के लिए आवेदन का समय 21 की जगह 10 से 15 दिन रह जाएगा।
विद्यार्थियों को सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। रिवेल्यूएशन के समय डीएमसी जमा नहीं होगी। नंबर बढ़ने पर ही डीएमसी जमा कर नई जारी की जाएगी। लेट फीस सिस्टम को बंद किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार साल में एक बार ही फीस ली जाएगी।
"पीयू में अंडर ग्रेजुएशन स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू करना बड़ा चैलेंज है। लेकिन, पीयू इसके लिए पूरी तैयारी में जुट गया है। इसके लिए कई कड़े फैसले लेने पड़ेंगे। एग्जामिनेशन सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए मर्सी और गोल्डन चांस जैसी सुविधाओं को बंद करना पड़ेगा। विद्यार्थियों को भी टेक्नोलॉजी सेवी होने की जरूरत होगी।"--प्रो. परविंदर सिंह, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन पंजाब यूनिवर्सिटी au
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