** डीईओ ने किया औचक निरीक्षण, अध्यापक टोली बनाकर बातों में मशगूल, मेघनवास पाठशाला में नहीं मिले बच्चे
नारनौल : चारों तरफ गंदगी, शोर शराबा। क्लास रूम में बच्चे तो, अध्यापक बाहर अध्यापक बातें में मशगूल। गुरुवार सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल बुचौली परिसर में ही बने राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन का कुछ ऐसा ही दृश्य था। यह हमने नहीं अपितु स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी ने देखा। विद्यालय के इस माहौल को देखने के डीईओ ने अव्यवस्थाओं के लिए स्कूल मुखिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया अपितु इसके लिए उन्होंने संबंधित अध्यापकों के संबंध में उच्चाधिकारियों को भी विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा है।
जिला शिक्षा अधिकारी संतोष तंवर ने स्कूलों में अध्यापकों की नियमित उपस्थित व पढ़ाई की गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया है। अपने इस अभियान के तहत गुरुवार सुबह आठ बज कर 40 मिनट पर जब डीईओ राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल बुचौली पहुंची तो वहां का नजारा देख कर वे स्वयं दंग रह गई। डीईओ के मुताबिक जिस समय वे विद्यालय पहुंची वहां चारों तरफ गंदगी फैली थी।
हवा में उड़ रहे थे कागज
हवा में कागज उड़ रहे थे। कक्षा सातवीं खाली थी। क्लास रूम से थोड़ी दूरी पर अध्यापक ग्रुप बना कर बातों में मशगूल थे। बातों में मशगूल अध्यापकों को जब निरीक्षण करने पहुंची टीम के बारे में जानकारी लगी तो सभी इधर-उधर अपनी कक्षाओं की तरफ दौड़े। इसी विद्यालय परिसर में बने राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भी उन्होंने निरीक्षण किया। यहां अध्यापकों का हाजरी रजिस्टर ही उन्हें फटा मिला। रजिस्टर के चार पेज अलग-अलग मिले।
21 में से एक भी बच्चा नहीं आया स्कूल में
जिला शिक्षा अधिकारी के मुताबिक निरीक्षण अभियान के तहत वे 9 बजे राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेघनवास में हुंची। जिस समय उनकी टीम विद्यालय में पहुंची तो वहां एक भी बच्चा नहीं थी। जबकि मुख्य शिक्षिका सुरेश देवी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महेंद्र कुमार उपस्थित थे। जेबीटी शिक्षक अशोक कुमार अनुपस्थित थे। पूछताछ पर पता चला की विद्यालय में 21 बच्चे हैं, लेकिन आज एक भी नहीं आया। जबकि बच्चों के हाजरी रजिस्टर के मुताबिक सभी बच्चे एक अप्रैल से 23 अप्रैल तक प्रतिदिन उपस्थित हुए हैं। db
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