** प्रीवीयस का रिजल्ट रहा बढिय़ा
सिरसा : स्कूलों में दसवीं तक पप्पू यह पहाड़ा (टेबल) खूब रटते थे एक दुनी, दुनी तो दो दुनी चार। मगर जैसे ही पप्पू स्कूल से पास आउट होकर विश्वविद्यालय में प्रवेश कर गए तो पहाड़ा ही भूल गए। शायद यहीं वजह रही कि मैथ्स के 40 अंकों के थ्योरी के पेपर में सीडीएलयू के पप्पू 16 नंबर भी नहीं हासिल कर सकें। अधिकतर होनहार पप्पू सोलिड ज्यमेट्री के पेपर में दस अंक को ही नहीं छू पाए, केवल दो तीन और पांच तक ही सिमट कर रह गए। छात्र इसके लिए फैकल्टी को उत्तरदायी ठहरा रहे हैं। मगर फैकल्टी का मानना है कि पप्पू फेस बुक पर चैटिंग में ज्यादा व्यस्त रहते हैं।
सीडीएलयू ने कई कक्षाओं का दो दिन पहले ही रिजल्ट घोषित किया है। एमएससी मैथ्स और पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री का दो दिन पहले ही रिजल्ट आउट हुआ। रिजल्ट को देखकर मैथ्स के छात्रों के होश उड़ गए। मैथ्स की पांच वर्षीय डिग्री कोर्स में प्रथम वर्ष के लगभग 30 विद्यार्थियों में से 28 छात्र फेल हो गए। केवल दो ही लड़कियां पास हुई। जबकि पिछले साल पांच वर्षीय डिग्री में प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने एडमिशन लिया था तो कट ऑफ लिस्ट 80 प्रतिशत तक थी। इससे नीचे अंकों वाले छात्रों को एडमिशन ही नहीं हो पाया था। वहीं पांच वर्षीय कोर्स के पांचवें सेमेस्टर में 24 छात्र फेल हो गए। कोई भी ऐसा छात्र नहीं है जिनकी किसी विषय में रिअपीयर न आई हो।
पांचवें सेमेस्टर वालों का यदि यह सेमेस्टर क्लियर हो जाता तो उन्हें बीएसएसी मैथ्स की डिग्री मिल जाती।
पांच वर्षीय डिग्री कोर्स की तुलना में एमएससी मैथ्स के प्रिवीयस और फाइनल वाले छात्रों का रिजल्ट बेहतर रहा। प्रिवियस के 60 छात्रों में से एक दो बच्चों की रिअपीयर आई है।
छात्र बोले- हमारे टीचर को ही पढ़ाना नहीं आता
छात्रों ने कहा कि कुछ दिन पहले हमनें आरटीआई से सूचना मांगी कि विभाग में गेस्ट फैकल्टी में कितने नेट क्वालिफाइड है। जवाब मिला कि 13 में से तीन क्वालीफाइ नहीं है। खराब रिजल्ट पर छात्रों का कहना है कि ज्यामेट्री, मैकेनिक, और हाइड्रो स्टैटिक्स जैसे विषय है, जिन्हें हमारे टीचर ने भी कभी नहीं पढ़ा। db
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