** एग्जाम कंडक्ट कराएंगे कम्युनिटी कॉलेजेस
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी से एफीलिएटेड कॉलेजेस में टीचिंग करने का इरादा रखते हों तो ग्रेजुएशन में ही मेहनत करना जरूरी है। पीयू की 26 अप्रैल को होने जा रही सिंडीकेट मीटिंग में जो प्रस्ताव पास होने की संभावना है, उसके अनुसार ग्रेजुएशन में 50 परसेंट से नीचे नंबर वालों को असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य नहीं मना जाएगा। इसकी वजह बेहतर फैकल्टी का प्रबंध करना है। ये नियम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने पहले ही बनाया है, अब इसे कैलेंडर में शामिल किया जाएगा। पीयू से एफीलिएटेड कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट लेवल पर सेमेस्टर सिस्टम करने का प्रस्ताव एक बार फिर इस मीटिंग में आएगा। इसके साथ ही एकेडमिक कैलेंडर भी। पीयू ने पीजी कोर्सेज के लिए समेस्टर और यूजी के लिए एनुअल सिस्टम से कैलेंडर बनाया है। समेस्टर सिस्टम होता है तो पीजी वाला ही कैलेंडर यूजी के लिए पास कर दिया जाएगा।
कॉलेज खुद लेगा एग्जाम :
केंद्र सरकार की योजना के तहत पीयू ने इस एकेडमिक सेशन से दो कम्युनिटी कॉलेजेस को मंजूरी दी है। एक जीसी 11 में और दूसरा एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज लुधियाना में। ये पहली बार है कि कॉलेज को ऑटोनॉमी दी गई है।
कॉलेज प्रोफेसर होंगे काउंसिल-फैकल्टी के मेंबर
सिंडीकेट में प्रो. मुकेश अरोड़ा और डॉ. दलीप कुमार की ओर से दिया गया रीसॉल्यूशन भी आएगा। इसमें कॉलेज प्रोफेसर्स को भी यूनिवर्सिटी प्रोफेसर मानने का नियम बनाने की बात है। वह एकेडमिक काउंसिल के एक्स ऑफिसियो मेंबर्स रहेंगे और फैकल्टीज के मेंबर्स बनेंगे। हाल ही में पंजाब सरकार ने कॉलेजेस में प्रोफेसर्स बनाए हैं और यूटी में भी बनाए जाएंगे। प्रोफेशनल और मेडिकल कॉलेजिस के प्रोफेसर्स को फैकल्टी मेंबर बनाने का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है। db
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