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Tuesday, 22 April 2014

दिखावा साबित हो रही अंतर जिला स्थानांतरण की नीति

** प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के प्रति जताया रोष
अन्तरजिला स्थानांतरण की बाट जोह रहे प्राथमिक शिक्षकों के साथ सरकार व शिक्षा विभाग ने एक बार फिर धोखा किया है। विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया। प्राथमिक शिक्षक संघ की मांग पर देर से ही सही विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों के अन्तरजिला स्थानांतरण के लिए 21 मार्च से 21 अप्रैल तक आवेदन मांगे थे, लेकिन सरकार द्वारा तबादलों का नोटिस जारी होते ही लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई। 
इसके कारण शिक्षा विभाग को तबादलों के लिए आन लाइन लिंक शुरू करने की जहमत ही नहीं उठानी पड़ी। अन्तरजिला स्थानांतरण की सबसे ज्यादा इंतजार जेबीटी अध्यापक कर रहे हैं क्योंकि सैकड़ों जेबीटी अध्यापक अपने गृह जिलों में पद रिक्त होने के बाद भी दूसरे जिलों में नौकरी करने को मजबूर हैं।
जेबीटी अध्यापकों की नई चयन सूची जारी होने से पहले इन अध्यापकों को अपने गृह जिलों में पहुंचने की आस बंधी थी, लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता के कारण उन्हें अपने घरों से दूर ही नौकरी करना पड़ सकता है। 
21 मार्च से 21 अप्रैल तक जेबीटी अध्यापक विभाग की वैबसाइटों को निहारते रहे लेकिन आज पूरा एक महीना बीत जाने के बाद भी अध्यापक के हाथ मायूसी ही लगी है। अब राज्य में चुनाव आचार संहिता के बाद राज्य सरकार ने अपने जरूरी काम करने शुरू कर दिए है। 
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार जेबीटी अध्यापकों के तबादलों के लिए कोई कदम उठाती है या चुनावों के नतीजे घोषित होने का इंतजार करती है।                                                     djktl

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