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Wednesday, 30 April 2014

शिक्षा मंत्री के विरोध पर विभाग ने पलटा एंट्रेंस टेस्ट का फैंसला

चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों के दाखिला को लेकर बेतुके निर्णय लेने के मामले में मुंह की खानी पड़ी है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के विरोध के आगे अधिकारियों को आखिरकार झुकना ही पड़ा। तीसरी से 10वीं व 12वीं कक्षा में गरीब बच्चे निजी स्कूलों में अब बिना प्रवेश परीक्षा दाखिला ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने इन बच्चों का ड्रा से पहले एंट्रेंस टेस्ट न लेने का निर्णय लिया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन की अध्यक्षता में शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई है। 1 शिक्षा विभाग अब तीसरी से 10वीं व 12वीं कक्षा का सीधा ड्रा ही निकालेगा। हालांकि ड्रा की तारीख अभी तय नहीं की गई है। 22 अप्रैल को विभाग ने पहली व दूसरी कक्षा के लिए आए आवेदनों का ड्रा निकाल दिया था। इसी दिन बाकी कक्षाओं के लिए 11 मई को प्रवेश परीक्षा की तिथि तय कर दी गई थी। इसका दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन ने उसी दिन विरोध शुरू कर दिया था। चूंकि इन कक्षाओं के लिए लगभग 32 हजार आवेदन आए हुए हैं, जबकि निजी स्कूलों में सीटें ढाई लाख के आसपास खाली पड़ी हैं। इसलिए गरीब बच्चों के अभिभावक भी बिना प्रवेश परीक्षा के ही दाखिला देने की मांग कर रहे हैं।                                                                       dj

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