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Tuesday, 29 April 2014

निजी स्कूलों का पक्ष ले रहे अफसर

चंडीगढ़ : निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिलों पर शिक्षा विभाग ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी हैं। बच्चों के भविष्य से जुड़े इस मुद्दे पर विभागीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैये ने अभिभावकों में आक्रोश बढ़ा दिया है।
स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के कारण अभिभावक जल्द से जल्द तीसरी से 10वीं व 12वीं कक्षा के आवेदनों का ड्रा निकालने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। अधिकारी इस मामले में सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटे हुए हैं। वे पूरी तरह से निजी स्कूलों के शिकंजे में हैं। 
पूरे प्रदेश में गरीब बच्चों के कोटे की दो लाख 60 हजार सीटें खाली थी। इनके मुकाबले 40 हजार ही आवेदन आए हैं। विभाग पहली कक्षा के 4942 व दूसरी कक्षा के 3733 आवेदनों का ड्रा निकाल चुका है।
तीसरी से दसवीं और 12वीं कक्षा के लिए आए लगभग 32 हजार आवेदनों का ड्रा निकाला जाना बाकी है।
दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन की मांगें 
  • 32 हजार बच्चों का दाखिला बिना ड्रा हो।
  • निजी स्कूलों में पहली से 12वीं तक खाली पड़ी 2 लाख से अधिक सीटों के लिए तत्काल आवेदन मांगे जाएं।
  • हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर एफआइआर कराएं। 
  • नियम 158 के तहत पहली से आठवीं तक मुफ्त शिक्षा के लिए फार्म 6 न भरने वाले स्कूलों पर कार्रवाई हो। 
  • पहली व दूसरी कक्षाओं के दाखिलों के लिए जो ड्रा निकल चुके हैं, उन बच्चों को निजी स्कूलों में बिना व्यवधान दाखिले सुनिश्चित कराए जाएं।

संतोषजनक जवाब न मिलने पर दिया धरना 
दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन के अध्यक्ष सत्यवीर हुड्डा के नेतृत्व में सोमवार को गरीब बच्चों के अभिभावकों ने विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन से मुलाकात की। उन्होंने जल्द मामला सुलझाने का आश्वासन देकर सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक चंद्रशेखर से मिलने के लिए कहा। हुड्डा सहित अभिभावक शिक्षा महानिदेशक से मिले, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस पर गुस्साए अभिभावकों ने उनके कमरे के बाहर ही धरना दे दिया। सत्यवीर हुड्डा का कहना है कि गरीब बच्चों को उनका हक दिलाकर ही वह दम लेंगे। जरूरत पड़ने पर नई राजनीतिक पार्टी भी बनाई जा सकती है।                                                 dj

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