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Monday, 21 April 2014

गरीब बच्चों को दाखिले के लिए ड्रॉ 22 को

चंडीगढ़ : प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला दिलाना शिक्षा विभाग के गले की फांस बन गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश और दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के दबाव के बीच शिक्षा विभाग अब आनन-फानन में गरीब विद्यार्थियों के दाखिले के लिए ड्रा निकालने जा रहा है।
सरकार के फैसले के तहत प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के लिए दस प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। इन सीटों पर गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाया जाएगा। हालांकि दो जमा पांच मुद्दे जन-आंदोलन के अध्यक्ष सत्यवीर सिंह हुड्डा का कहना है कि नियमों के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं।  इस मुद्दे पर जब आंदोलन शुरू हुआ तो विभाग ने सफाई दी कि आचार संहिता लगी हुई थी, इसलिए ड्रा नहीं निकाला गया। लेकिन इस सफाई पर उस समय शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की फजीहत हो गई, जब चुनाव आयोग ने इस तरह की फाइल आने से ही साफ इंकार कर दिया।
बहरहाल, अब शिक्षा विभाग के अधिकारी दाखिला सूची जारी करने के लिए ड्रा निकालने की तैयारी में जुटे रहे। विभाग ने निर्णय लिया है कि उन्हीं कक्षाओं में दाखिला के लिए प्रदेश स्तरीय ड्रा निकाला जाएगा, जिनमें सीटों से अधिक आवेदन आए हैं। निजी स्कूलों से खाली सीटों का ब्योरा पहले ही मांगा जा चुका है, सीटों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ड्रा को लेकर असमंजस की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी। शिक्षा विभाग पहली व दूसरी कक्षा में गरीब बच्चों के दाखिला के लिए ड्रा निकालने की तिथि 22 अप्रैल निर्धारित कर चुका है। इसकी तैयारिया भी पूरी की जा चुकी हैं। पंचकूला में ड्रा निकाला जाएगा। इसके बाद अन्य कक्षाओं में दाखिला की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश में नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिला के लिए लगभग साठ हजार बच्चों ने आवेदन किया है।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार निजी स्कूलों में इन परिवारों के गरीब बच्चों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है। 2 लाख 60 हजार गरीब बच्चों को निजी स्कूलों  में दाखिला मिलना चाहिए, लेकिन आवेदन मात्र साठ हजार ही आए हैं।                                               dt
निजी स्कूल संचालक तो 60 हजार बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं।   अभिभावक शिक्षा विभाग पर जल्द दाखिला दिलाने को लेकर दवाब बनाए हुए हैं। उधर, शिक्षा विभाग भी स्पष्ट कर चुका है कि हाईकोर्ट के आदेशों को हर हाल में लागू कराया जाएगा।

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