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Tuesday, 22 April 2014

रिअपीयर परीक्षा के परिणाम पर सवाल, स्पेशल मर्सी चांस देकर पिंड छुड़ाने की तैयारी

** बीएएमएस छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
** हेल्थ विवि की लापरवाही के चलते दोबारा हुई थी द्रव्यगुण विज्ञान की रिअपीयर परीक्षा 
** फेल आए स्टूडेंट्स ने की थी ग्रेस और उत्तर पुस्तिका दिखाने की मांग 
रोहतक : अनियमितताओं को लेकर किरकिरी झेल रही प्रदेश की एकमात्र पं.बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी ने अब स्टूडेंट्स को शांत करने के लिए विकल्प तलाशने का काम शुरू कर दिया है। सीसीआईएम से मान्यता के मामले में स्टूडेंट्स के हंगामे के बाद विवि ने प्रोविजनल डिग्री देने का फैसला लिया तो वहीं द्रव्यगुण विज्ञान की री अपीयर परीक्षा में पुराना पेपर बांटने के खुलासे के बाद दोबारा हुई परीक्षा में फेल हुए बच्चों को स्पेशल ग्रेस देने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए आयुर्वेद की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाकर प्रस्ताव तैयार करने का फैसला लिया गया है। 
बता दें कि हेल्थ विवि ने बीएएमएस सेकेंड प्रोफ के द्रव्यगुण विज्ञान के प्रथम प्रश्नपत्र की रिअपीयर परीक्षा में एक साल पहले हुई रिअपीयर परीक्षा का पेपर तथा सेकेंड प्रश्नपत्र में सालाना परीक्षा का परीक्षा ज्यों का त्यों बांट दिया था। भास्कर ने 29 फरवरी को इस मामले का खुलासा किया तो विवि प्रशासन ने आनन फानन में द्रव्यगुण विज्ञान के सेकेंड प्रश्नपत्र की परीक्षा रद्द करते हुए 13 मार्च को इस विषय की रिअपीयर परीक्षा दोबारा से कराने का फैसला लिया था। इस मामले में एक कर्मचारी को पद से हटाते हुए मामले की जांच भी बैठा दी गई थी। विवि की लापरवाही का खमियाजा भुगतने पर बीएएमएस सेकेंड प्रोफ की रिअपीयर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स ने 13 मार्च को परीक्षा देने की बजाय वीसी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया था। स्टूडेंट्स की दलील थी कि जब डेढ़ साल की मेहनत के बाद वह पास नहीं हो सके तो 15 दिन की तैयारी में वह कैसे पास हो सकते हैं। स्टूडेंट्स ने दोबारा परीक्षा दिए बिना पास करने की मांग की थी। डेट घोषित होने के बाद फैसला वापस न लेने की लाचारी जताते हुए विवि प्रशासन ने एक सप्ताह बाद 20 मार्च को फिर से उक्त विषय की रिअपीयर परीक्षा कराने का आश्वासन दिया था। परीक्षा में सख्ती न बरतने की शर्त पर स्टूडेंट्स परीक्षा देने के लिए तैयार हो गए थे। दोबारा हुई द्रव्यगुण विज्ञान की रिअपीयर परीक्षा में फेल होने पर स्टूडेंट्स ने विवि डीन को दिए पत्र में हवाला दिया कि 4 जनवरी को हुई परीक्षा रद्द हुई परीक्षा 20 मार्च को हुई, जिसके चलते परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ 21 दिन का समय मिला जो पर्याप्त नहीं था। इसलिए उन्हें उक्त विषय में 20 अंक का ग्रेस दिया जाए। इसके अलावा कुछ स्टूडेंट्स ने रिजल्ट पर आपत्ति जताते हुए उक्त विषय की उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी की मांग की थी।अब नए सिरे से मामला शांत करने की तैयारी 
मामले को शांत करने तथा रिअपीयर परीक्षा में फेल हुए बच्चों को शांत करने के लिए विवि ने स्टूडेंट्स को स्पेशल मर्सी देने की तैयारी शुरू कर दी हैं। डीन डॉ.राकेश पंवार ने स्टूडेंट्स को दस फीसदी अंकों का ग्रेस देने के लिए विवि से निवेदन किया है, लेकिन विवि ने यह कहकर निवेदन को वापस कर दिया कि बोर्ड ऑफ स्टडीज के सभी सदस्यों की बैठक में इसका प्रस्ताव तैयार करके भंजा जाए, ताकि इसमें किसी को आपत्ति ना हो। 
"कुलपति को स्पेशल मर्सी देने का अधिकार है। स्टूडेंट्स की मांग पर मैंने विवि को पत्र भेजकर 10 फीसदी अंकों की स्पेशल मर्सी देने का निवेदन किया था। विवि के निर्देश पर उक्त संबंध में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाने के लिए सभी कालेजों के प्राचार्यों से संपर्क साधा जा रहा है। बैठक में प्रस्ताव पास कर विवि को भेज दिया जाएगा।"--डॉ.राकेश पंवार, विवि डीन/प्रिंसिपल गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कालेज ब्राह्मणवास                                           db

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