** बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए शिक्षा विभाग ने बनाई विशेष रणनीति
खेलों में छुपी प्रतिभा को निखारने के लिए शिक्षा विभाग ने विशेष रणनीति बनाई है। राजकीय स्कूलों में खेलों की क्रियाकलापों में सभी विद्यार्थियों की प्रतिभागिता सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत विद्यार्थी को कम से कम एक खेल में भाग लेना जरूरी होगा।
इसी के साथ प्रत्येक विद्यालय द्वारा कम से कम कोई भी दो खेल अपनाए जाएंगे। जिसके लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस संदर्भ में सभी जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के पालन नहीं करने वाले स्कूल के पीटी व डीईपी पर कार्रवाई की जाएगी।राजकीय स्कूल में पढऩे वाले अधिकतर विद्यार्थी किसी भी खेल में भाग नहीं लेते हैं। जो खिलाड़ी खेलना चाहता है उसे ही खेल में हिस्सा दिलाया जाता है। इससे बहुत से विद्यार्थियों की खेलों में कोई भागीदारी नहीं होती है। अब राजकीय स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थी को किसी भी एक खेल में भाग लेना जरूरी होगा। वहीं प्रत्येक विद्यालय को कम से कम दो खेलों पर विशेष ध्यान देना जरूरी होगा।
पीटी और डीइपी की जिम्मेदारी होगी
खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि राजकीय स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को कम से कम एक खेल में भाग लेना जरूरी होगा। इसकी जिम्मेवारी पीटी व डीईपी की जिम्मेवारी होगी। खेलों में भाग लेने वाले विद्यार्थी को सतत् व्यापक मूल्यांकन में अंक मिलेगे।
ये हैं खेल
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबाल, नेटबॉल, बैडमिंटन, बेसबॉल एवं सॉफ्टबॉल, टेनिस, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, हैंडबॉल, कुश्ती, जिम्नास्टिक्स, वेटलिफ्टिंग, तैराकी, जूडो, तीरंदाजी, शतरंज, बॉक्सिंग, कबड्डी, सर्कल कबड्डी, खोखो, एथलेटिक्स, क्वान डो फैन्सिंग आदि हैं।
अंक भी दिए जाएंगे
खेलों में भाग लेकर जहां विद्यार्थी अपनी पहचान बना सकेंगे। वहीं व्यापक मूल्यांकन में अंक भी दिए जाएंगे। खेल प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर पर भाग लेने वाले विद्यार्थी को 4 अंक, ब्लाक स्तर पर 8 अंक, जिला स्तर पर 12 अंक व राज्य स्तर पर 16 अंक दिए जाएंगे। dbsrs
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