सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को सरकार पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी मुहैया कराएगी। कक्षा नौवीं व कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए जिले के छह स्कूलों का वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए चयन किया गया है। इन स्कूलों में ऑटो मैकेनिक, मोबाइल, टीवी मैकेनिक और ब्यूटीशियन जैसे विषयों में विद्यार्थी कोर्स कर सकते हैं।
हर कोर्स में 25 बच्चों को दाखिला दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के योग्य बनाया जा सके। बच्चों की संख्या बढऩे से बच्चों को वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने के लिए टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना होगा। इन कोर्सिस के लिए बच्चों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। शिक्षा विभाग बच्चों को कोर्स के लिए प्रयोग होने वाला सामान और टीचर भी मुहैया कराएगा ताकि अधिक से अधिक बच्चों को पढ़ाई के दौरान ही सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में रोजगार दिलाया जा सके। वोकेशनल कोर्स कर रहे बच्चों का समय-समय पर देश की बड़ी कंपनियां चयन करेंगी। कंपनी चयन हुए बच्चों को मौके पर ही रोजगार देने का फार्म भी भरवा लेगी। ताकि कोर्स पूरा होने पर वे बच्चों को अपनी कंपनी में रोजगार मुहैया करा सकें। इसी प्रकार सरकारी विभागों में भी चयन के दौरान बच्चों को टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना होगा। अगर कोई बच्चा नौकरी नहीं करना चाहता तो वोकेशनल कोर्स समाप्त होने के बाद सरकार ऐसे बच्चे को स्वयं रोजगार के लिए मदद भी मुहैया कराएगी।
हर ब्लॉक में बच्चों को मिलेगी ट्रेनिंग
शिक्षा विभाग ने शहर के बच्चों के साथ-साथ गांवों के बच्चों को भी वोकेशनल ट्रेनिंग देने का निर्णय किया है। कैथल जिले में सरकारी स्कूल शेरगढ़, कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल, सरकारी स्कूल पूंडरी, सरकारी स्कूल चीका, सरकारी स्कूल सीवन, सरकारी स्कूल बाता और सरकारी स्कूल राजौंद में बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि गांवों के बच्चे भी अपने नजदीक के सरकारी स्कूल में दाखिला लेकर मनपसंद कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्सिस के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के बाद स्कूल में ही एक ऐसा कमरा बनाया जाएगा। जहां पर बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जा सकेगी। dbktl
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