रेवाड़ी : मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में फैशन डिजाइनिंग के साथ ही युवाओं को संगीत का भी ज्ञान मिलेगा। इतना ही नहीं एमफिल और पीएचडी की भी पढ़ाई की सुविधा युवाओं को मिलेगी।
दरअसल यूनिवर्सिटी ने इस बार कुछ नए विषय शुरू कर यहां के युवाओं को सौगात दी है। आईजीयू में पहले से चल रहे एमए कोर्स में भी कुछ नए विषयों को जोड़ा गया है। इसके लिए बाकायदा यूनिवर्सिटी की ओर से इन विषयों में ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन विषयों में पढ़ाई के लिए युवाओं को 7 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। बता दें कि यूनिवर्सिटी की ओर से एलएलबी कोर्स भी शुरू किए जाने की तैयारी है। इसके लिए बार काउंसिलिंग ऑफ इंडिया से यूनिवर्सिटी को अप्रूवल मिलना बाकी है।
अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और इतिहास में एमफिल:
आईजीयू में युवा जहां संगीत और फैशन डिजाइनिंग की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे वहीं एमफिल के साथ-साथ पीएचडी की सुविधा भी होगी। यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी, कॉमर्स, मैथ, इकोनॉमिक्स, कंप्यूटर साइंस व इतिहास सहित कुल 6 विषयों में पीएचडी की जा सकेगी। वहीं कॉमर्स, अंग्रेजी, इकोनॉमिक्स, इतिहास व मैथ में एमफिल की पढ़ाई होगी। इनमें प्रत्येक विषय के लिए अधिकतम 10 सीटें निर्धारित होंगी। यहां यह बता दें कि यूनिवर्सिटी द्वारा गत् सत्र में शुरू किए गए प्री-पीएचडी कोर्स को बंद कर दिया गया है।
एलएलबी के लिए अप्रूवल सप्ताहभर में: कुलपति
"एलएलबी भी यूनिवर्सिटी में इसी सत्र से शुरू की जाएगी। इसके लिए बीसीआई की टीम निरीक्षण कर चुकी है। सप्ताहभर में अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। एमफिल, पीएचडी व एमए सहित अन्य कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार विवि की वेबसाइट पर 7 जुलाई तक ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं।"--महेंद्र कुमार, कुलपति, आईजीयू।
संगीत से एमए और फैशन डिजाइनिंग में होगा डिप्लोमा
इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी की स्थापना सितंबर 2013 में हुई थी। इसके बाद इसमें हिंदी, इतिहास, इकोनॉमिक्स, अंग्रेजी, ज्योग्राफी, मैथ, एमकॉम, एमसीए व एमबीए की पढ़ाई शुरू की गई। अब इनमें स्नातकोत्तर के नए विषय जोड़े गए हैं। विद्यार्थियों के लिए एमए एजुकेशन व संगीत विषय के साथ ही फैशन डिजाइनिंग शुरू किया गया है। फैशन डिजाइनिंग में यूनिवर्सिटी की ओर से पीजी डिप्लोमा कराया जाएगा। इन विषयों में फिलहाल 60-60 सीटों पर दाखिले दिए जाएंगे।
एमकॉम आनर्स छोड़कर ले सकते हैं बीकॉम की डिग्री
एमकॉम ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे युवा कोर्स को बीच में ही छोड़कर बीकॉम ऑनर्स की डिग्री भी ले सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को इस पांच साल के कोर्स के तीन साल पूरी करना जरूरी है। किसी कारण से एमकॉम जारी नहीं रखने के इच्छुक विद्यार्थी ऐसा कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी इस पर ऐतराज नहीं कर सकती। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक इस तरह की डिग्रियां अन्य कई विश्वविद्यालयों में भी दी जाती हैं। विश्वविद्यालय में छात्रों की सुविधाओं के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एलएलबी की शुरू होगी पढ़ाई
विवि में युवाओं के लिए वकालत की पढ़ाई भी यूनिवर्सिटी में जल्द शुरू हो सकती है। हालांकि यूनिवर्सिटी को इसके लिए अप्रूवल मिलना बाकी है। लॉ कोर्स की अनुमति के लिए बार काउंसिलिंग ऑफ इंडिया (बीसीआई) की टीम ने इसी सप्ताह यूनिवर्सिटी परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया है। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.