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Monday, 30 June 2014

शिक्षक सेतु बनेगा शिक्षकों की एपीआर का आधार

** एनुवल परफॉर्मेंस रिपोर्ट शिक्षकों को अप टू-डेट रखने के लिए भेजा सेतु 
** एनुवल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट का झमेला खत्म 
शिक्षकों को अपनी परफॉर्मेंस बताने के लिए अब शिक्षक सेतु को पार करना होगा। यही उनकी सालाना परफॉर्मेंस का आधार बनेगा। अब तो सिफारिश से काम चलेगा ही बहानेबाजी। प्रदेशभर के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षक सेतु को ध्यान में रखकर ही विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा। इसके बाद शिक्षक सेतु में अपनी सेल्फ अप्रेजल शिक्षक करेगा। शिक्षक खुद बताएगा कि उसे उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर क्या मिलना चाहिए। प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों को यह शिक्षक सेतु सौंप दी गई हैं। साथ ही इस शिक्षक सेतु का उद्देश्य भी शिक्षकों को भली-भांति समझा दिया गया है। 
क्या है शिक्षक सेतु 
शिक्षक सेतु एक तरह की पुस्तक है। दरअसल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के सभी वर्गों के किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा बनाई है। मसलन अब शिक्षकों को स्कूलों में इसी शिक्षक सेतु के आधार पर बच्चों को पढ़ाना होगा। इसमें शिक्षकों के लिए नियम, कायदे-कानून छुट्टियों का ब्यौरा भी दिया गया है।
शिक्षक सेतु में सेल्फ अप्रेजल भरने के बाद उसका विश्लेषण किया जाएगा। यदि किसी शिक्षक के परफॉर्मेंस नकारात्मक जाती है या उसे माइनस में अंक मिलते हैं मतलब उसकी डिमोशन होनी है तो शिक्षक को 15 दिनों का समय अपील करने के लिए दिया जाएगा। इसके बाद दोबारा वह सेल्फ अप्रेजल करेगा।
"सभी शिक्षकों को शिक्षक सेतु सौंप दी गई है। इसी के आधार पर अब शिक्षकों की एपीआर बनेगी। एनुवलकॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट अब नहीं होगी। उसकी जह एपीआर बनेगी।शिक्षक सेतु पहली बार आया है। इसीलिए शिक्षकों को कोई दिक्कत हो इसके लिए 4 जुलाई को नॉन वर्किंग-डे रहेगा। इसी दिन शिक्षकों को शिक्षक सेतु के आधार पर एपीआर भरनी सिखाई जाएगी।"--सुमन आर्य, जिला शिक्षा अधिकारी, अम्बाला 
व्यवसायिक भ्रमण प्रशिक्षण शिक्षक सेतु का ही हिस्सा 
विद्यार्थियों के प्रदर्शन के बारे में अभिभावकों के साथ बातचीत करना, वािर्षक स्कूल योजना के अनुसार राष्ट्रीय पर्व त्योहार मनाने के लिए समुदाय के लोगों को इकट्ठा करना। समय के अनुसार विद्यार्थियों को हर कार्य करने के लिए प्रेरित करना, विद्यार्थियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, व्यवसायिक भ्रमण नैतिक शिक्षा इत्यादि की जानकारी देना शिक्षक सेतु का अभिन्न अंग रहेगा। 
4 को होगा नॉन वर्किंग-डे 
शिक्षक सेतु शिक्षक वर्ग के लिए नई प्रक्रिया है। शिक्षकों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए 4 जुलाई को नॉन वर्किंग-डे पर जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को शिक्षक सेतु से अवगत कराएंगी।                                      db

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