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Tuesday, 24 June 2014

मिड-डे मील की खुराक में बढ़ेगा नौनिहालों का जायका

** प्रति बच्चा 4.04 केंद्र व 1.34 रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे 
** 7.5 प्रतिशत की दर से राशि बढ़ाई, एक जुलाई से प्रदेश भर के स्कूलों में मिलेगा बढ़ी हुई राशि के हिसाब से 
भिवानी : अब सरकारी पाठशाला में मध्याहन भोजन में नौनिहालों की जीभ का स्वाद और बढ़ जाएगा। इससे पहले मिड डे मील के व्यंजनों में दूध को हटाकर भरवां पराठे और अन्य व्यंजन शामिल किए गए थे, लेकिन इन व्यंजनों को बच्चों की थाली में परोसने के लिए बजट आड़े आ रहा था। लेकिन अब बच्चों की थाली में परोसे जा रहे व्यंजनों में केंद्र सरकार ने 7.5 प्रतिशत की दर से राशि बढ़ा दी है। इस हिसाब से अब प्राइमरी के प्रति बच्चा कुकिंग कोस्ट 3.59 रुपये कर दी गई है। जबकि अपर प्राइमरी में यह राशि 5.38 रुपये कर दी गई है। प्रदेश भर में करीब साढ़े 12 लाख से भी अधिक बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिड डे मील परोसा जा रहा है। कुकिंग कोस्ट बढऩे से अब बच्चों को व्यंजनों में मसाले और हरी सब्जियों की सही मात्रा उपलब्ध कराने में आसानी हो जाएगी। बढ़ी हुई राशि से सरकारी स्कूलों में बच्चों को एक जुलाई से खुराक मिलने लगेगी। 
3.59 रुपये प्रति बच्चा दी जाएगी कुकिंग राशि 
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 15 में कुकिंग दर 7.5 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। पहले प्राइमरी कक्षाओं में पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए 3.34 रुपये प्रति बच्चा कुकिंग राशि दी जाती थी। अब 3.59 रुपये कुकिंग राशि मिलेगी। इसमें 2.69 रुपये केंद्र व 90 पैसे राज्य सरकार की हिस्सेदारी होगी। इसी तरह अपर प्राइमरी में पहले पांच रुपये प्रति बच्चा कुकिंग राशि निर्धारित की हुई थी। अब 5.38 रुपये कुकिंग राशि निर्धारित की गई है, इसमें 4.04 रुपये केंद्र सरकार व 1.34 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे। 
यह बजट प्रतिदिन प्रति बच्चा निर्धारित किया गया है। मौलिक शिक्षा के महानिदेशक ने प्रदेश भर के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी कर एक जुलाई से नई दर के हिसाब से बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध कराने के आदेश भी दिए हैं। 
बच्चों की खुराक राशि में बढ़ोतरी से शिक्षक संगठनों ने भी राहत की सांस ली है, क्योंकि उनकी लम्बे समय से मांग रही है कि महंगाई के हिसाब से मिड डे मील की खुराक की दर नहीं बढ़ाई जाती, जबकि महंगाई दर साल दर बढ़ रही है। ऐसे में अब मिड डे मील के चूल्हे पर बच्चों के लिए खाना बनाना आसान हो जाएगा, क्योंकि कुकिंग कोस्ट में सब्जियां बनाने के लिए मसाले, गैस सिंलेडर खरीदना, सब्जियां व सलाद खरीदना शामिल होता है। जबकि इस बजट के अलावा मिड डे मील कुक को अलग से बजट उपलब्ध कराकर मेहनताना दिया जाता है। 
बजट बढऩे से होगी पौष्टिकता में वृद्धि 
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिंह सिवाच ने महानिदेशक के आदेशों की पुष्टि करते हुए बताया कि मिड डे मील की कुकिंग दर बढऩे से बच्चों को उपलब्ध कराने वाले आहार में और अधिक पौष्टिकता आएगी। शिक्षकों के लिए भी बच्चों को सही ढंग से भोजन उपलब्ध कराने में आ रही दिक्कतों का निदान हो जाएगा। सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि ग्रीष्म कालीन छुट्टियों समाप्त होने के तुरंत बाद से ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।                                                db

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