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Saturday, 21 June 2014

रेशनेलाइजेशन के विरोध में उतरा हरियाणा अध्यापक संघ

भिवानी : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने कहा कि शिक्षा विभाग ने अध्यापकों की रेशनेलाइजेशन को नियमानुसार न किया तो इसका विरोध किया जाएगा। संघ के नेता संजीव मंदौला ने कहा कि सरकार को रेशनेलाइजेशन करने से पूर्व प्रधानाचार्यों, मुख्याध्यापकों, मौलिक मुख्याध्यापकों, पीजीटी व मास्टर के पदों पर पदोन्नति की लिस्ट जारी करनी चाहिए। 

इससे काफी सरप्लस अध्यापकों का रेशनेलाइजेशन नहीं होगा और यदि विभाग सामान्य तबादले करके अध्यापकों को रिक्त पदों पर समायोजित करके फिर रेशनेलाइजेशन करे तो बहुत कम मेहनत व विरोध के रेशनेलाइजेशन किया जा सकता है। 
संघ के नुमाइंदों से ले सकते हैं परामर्श 
शिक्षा विभाग अदूरदर्शी तरीके से संघ के नुमाइंदों की सलाह लिए बिना गुपचुप तरीके से ये काम अंजाम देना चाहता है जिसे अध्यापक संघ कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। संघ के पदाधिकारियों सत्यवान शास्त्री, सज्जन सांगा ने कहा है कि यदि विभाग शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार अध्यापक छात्र अनुपात का पालन करे और मिडिल विद्यालयों में सभी विषयों के पद दे तो रेशनेलाइजेशन कोई समस्या नहीं है। 
गणित, हिंदी, विज्ञान, कला व पीटीआई के सरप्लस पदों को मिडिल स्कूलों में देकर शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा कर सकती है। रेशनेलाइजेशन में पारदर्शिता के लिए अध्यापक संघों के नुमाइंदों को साथ लेकर और काउंसलिंग के माध्यम से पदों को इधर उधर किया जाए नहीं तो इस मनमानी को रोकने के लिए अध्यापक सड़कों पर उतर आएगा और आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगा।                                     db

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