नई दिल्ली : यूजीसी के कड़े तेवरों के आगे आखिरकार दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) ने हथियार डाल दिए। चार साल के जिस अंडरग्रेजुएट (यूजी) प्रोग्राम को लेकर विवाद था, उसे वापस लेने के लिए डीयू शुक्रवार को तैयार हो गई। अब तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स ही चलेगा। अब सोमवार से यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में एडमिशन शुरू होने की संभावना है।
शुक्रवार सुबह डीयू के रजिस्ट्रार की ओर से यूजीसी को पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया कि डीयू यूजीसी के निर्देश के आधार पर निर्णय लेने जा रही है। इससे पहले डीयू ने गुरुवार को ऑनर्स डिग्री कोर्स का वैकल्पिक प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उसे भी यूजीसी ने नामंजूर कर दिया। इस बीच, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'मैं स्वायत्तता का सम्मान करती हूं। लेकिन यह भी मानती हूं कि संस्थानों को स्वायत्तता इसलिए दी गई कि वे छात्र हित में और देश की सेवा के लिए काम करें।'
सोमवार से एडमिशन
डीयू के कुलपति दिनेश सिंह ने बयान जारी कर कहा कि यूजीसी के निर्देशों के अनुसार नए एडमिशन 2012-13 के कोर्स के अनुरूप होंगे। डीयू के 64 कॉलेजों की 54 हजार सीटों पर दाखिले के लिए 2.7 लाख छात्रों ने आवेदन भरे हैं। हालांकि, डीयू में कई छात्र चार साल का बीटेक कोर्स कर रहे हैं। उनके कोर्स को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। छात्रों का कहना है कि उनके कोर्स को अगर बीएससी में तब्दील किया गया तो उनका कॅरिअर खराब होगा। db
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