भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। बोर्ड के दसवीं के करीब 40 हजार से अधिक प्रकाशित प्रमाणपत्रों में बड़ी गड़बड़ियां सामने आई हैं। ऐसे में छात्रों को दाखिले में परेशानी आनी तय है।
शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने परीक्षा परिणाम के बाद प्रमाणपत्र प्रकाशित करवाए हैं। इनमें से करीब 40 हजार से अधिक प्रमाणपत्र गलत प्रकाशित हो गए हैं। अब आनन-फानन में बोर्ड ने जांच शुरू कर दी है। वास्तविक संख्या का पता जांच पूरी होने के बाद चलेगा। इस भारी गड़बड़ी के उजागर होने के बाद एक बार फिर से बोर्ड का ऑनलाइन कार्य करने वाली फर्म विवादों के घेरे में आ गई है।
इस फर्म के विरोध में करीब 20 से 25 दिन तक आंदोलन कर चुके कर्मचारियों की बात को इस गड़बड़ी ने सही साबित कर दिया। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड प्रशासन ने प्रमाण पत्र प्रकाशित करवाए हैं लेकिन जैसे ही पैकेट खोले गए तो इनमें भारी गड़बड़ियां मिलीं। करीब 20 हजार परीक्षार्थियों के प्रमाणपत्रों में त्रुटियां पाई गई हैं। इसी तरह लगभग 20 हजार फेल छात्रों के कार्डो में भी त्रुटियां मिली हैं। यह आंकड़ा तो वह है, जो अभी तक पकड़ा जा चुका है। आश्ांका है कि इसमें और भी ज्यादा इजाफा होगा। बोर्ड कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उन्होंने मार्च माह में ही आंदोलन कर आगाह कर दिया था कि फर्म का कार्य संतोषजनक नहीं है।
एनरोलमेंट नंबर में भी गड़बड़ी
इन प्रमाणपत्रों में किसी में परीक्षार्थी फोटो ही गायब हैं तो किसी प्रमाणपत्र पर फोटो की जगह हस्ताक्षर प्रिंट कर दिए गए हैं। कहीं पर हस्ताक्षर के कालम में फोटो प्रकाशित कर दिया गया है। लगभग चार हजार छात्रों के एनरोलमेंट नंबर भी गलत हैं। मैट्रिक शाखा के कर्मचारियों ने एनरोलमेंट पहले ही ठीक करवाने का दावा भी किया है। उधर बोर्ड प्रशासन ने संबंधित शाखा को आगाह किया है कि यदि त्रुटिपूर्ण प्रमाणपत्र छात्रों के पास पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी कर्मचारी की होगी।
छात्रों की जन्म तिथि भी गलत प्रकाशित
प्रदेश के करीब 500 छात्रों की जन्म तिथि भी गलत प्रकाशित कर दी गई है। ये वे छात्र हैं, जिनका जन्म वर्ष 2000 के बाद हुआ है, जबकि प्रमाणपत्र में जन्मतिथि का वर्ष 2000 की बजाय सन 1900 दर्ज कर दिया है।
"प्रमाण पत्रों में त्रुटियों की सूचना मिल चुकी है। उप सचिव इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही स्थिति का पता चल सकेगा।"--महेंद्र सिंह, शिक्षा बोर्ड के संयुक्त सचिव dj
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