चंडीगढ़ : जनता को मनमाने तरीके से सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। हरियाणा में सेवा का अधिकार नियम 2014 लागू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे स्वीकृति दे दी गई।
समयबद्ध तरीके से सेवा न मिलने पर अधिकारियों व कर्मचारियों को आने वाले दिनों में जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माने की राशि उनके वेतन से कटेगी। लोग नियमानुसार सेवाएं न मिलने पर तीन तरह से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।
सेवाओं से संबंधित सभी सूचना, आवेदन पत्र और प्राप्त करने के लिए अपेक्षित दस्तावेज पदनामित अधिकारियों द्वारा कार्यालय के बाहर सूचना पटल पर प्रदर्शित करने होंगे। सार्वजनिक स्थलों पर सूचना प्रदर्शित नहीं होने पर द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी या आयोग पदनामित अधिकारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने के लिए सक्षम होगा। जुर्माना लगाने या अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर जुर्माना लगने की जानकारी उनके संबंधित प्रशासकीय विभाग को भेजेगा।द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी द्वारा आवेदक या अपीलकर्ता को मुआवजा अधिकारी या कर्मचारी पर लगे जुर्माने में से अदा किया जाएगा।
तीन तरह से हो सकता है आवेदन
नियमों के अंतर्गत पात्र व्यक्ति सेवा प्रदान करने के लिये व्यक्तिगत तौर पर, पंजीकृत डाक से या ई-दिशा केंद्र के माध्यम से नामित अधिकारी को आवेदन कर सकता है। आवेदन सही पाए जाने पर को उसकी प्राप्ति की रिपोर्ट आवेदक को भेजनी होगी। आवेदन में त्रुटि होने पर नामित अधिकारी उसे पात्र बनाने के लिए आवेदक को संबंधित दस्तावेज भी साथ लगाने के लिए बताएगा। db
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