** पंचायत भवन में छह दिवसीय स्कूल हेड प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन
** प्रशिक्षण शिविर में 40 स्कूल हेड ने नहीं लिया हिस्सा
कैथल : पंचायत भवन में मुख्यमंत्री शिक्षा-दीक्षा योजना के तहत छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार को समाप्त हो गया। प्रशिक्षण शिविर में राजौंद व पूंडरी खंड के स्कूल हेड शामिल हुए। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला परियोजना अधिकारी एसएसए सुरेंद्र मोर ने की। सुरेंद्र मोर ने कार्यशाला में उपस्थित स्कूल हेड को तीसरी कक्षा के बच्चे के लर्निंग लेवल के बारे में पूछा। लेकिन कोई भी स्कूल हेड तीसरी कक्षा के बच्चे का लर्निंग लेवल नहीं बता पाया। इस पर मोर ने कहा कि स्कूल हेड को ऐसी जानकारी होनी चाहिए। अगर स्कूल हेड के पास ही ऐसी जानकारी नहीं है तो वे स्कूल अध्यापकों को इस बारे में नहीं बता सकते।
उन्होंने कहा कि हर बच्चे के शिक्षा सेतु कार्ड पर बच्चे के लर्निंग लेवल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई होती है। स्कूल हेड शिक्षा सेतु कार्ड को बिना पढ़े ही बच्चों को वितरित कर देते हैं।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर सहायक निदेशक पंचकूला रूप कुमारी सैनी उपस्थित हुई स्कूल हेड को कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों व लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग समय-समय पर स्कूल हेड की दिक्कतों का समाधान करता रहता है। लेकिन उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। मौके पर जिला परियोजना संयोजक बलजीत सिंह खटकड़, कोर कमेटी पंचकूला के सदस्य सुनील दत्त, हरीश कुमार, यतेंद्र कुमार, रमन कुकरेजा, उपेंद्र शुक्ला, सविता व कुसुम उपस्थित थे।
स्कूल हेड अपनी जिम्मेदारी समझे
स्कूल हेड अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे। स्कूल में अगर कोई चपरासी किसी दिन छुट्टी पर है तो स्कूल हेड स्कूल में छुट्टी होने पर स्वयं ताला नहीं लगाता, बल्कि किसी अध्यापक या बच्चे से ताला लगवाता है। उसका कहना होता है कि ऐसा कहीं भी नहीं लिखा होता कि स्कूल हेड ताला लगाएगा। स्कूल हेड को अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ताकि उससे स्कूल स्टाफ भी प्रेरणा ले। db
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