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Friday, 27 June 2014

मुद्दों का हल नहीं, तो आंदोलन : अध्यापक संघ

** विभाग के उच्चाधिकारियों से की मुलाकात, दी चेतावनी
अध्यापकों के मुद्दों का यदि शीघ्र हल नहीं हुआ तो जुलाई मास में निर्णायक आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। यह चेतावनी हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा विवेक अत्रे से मुलाकात करने के साथ जारी की। 
अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल राज्याध्यक्ष वजीर सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस इन अधिकारियों से मिला। उपप्रधान महताब सिंह मलिक ने गुरुवार को एक बयान में यहां बताया कि संघ ने रेशनलाइजेशन नीति को व्यावहारिक बनाए जाने व इसमें शिक्षा अधिकार कानून की हिदायतों का पालन करने, अंतरजिला व सामान्य तबादला नीति बनाकर मेवात सहित सभी इच्छुक अध्यापकों के तबादले करने, अध्यापकों व कर्मचारियों के सभी वर्गों की पदोन्नतियां करने, जिसमें अप्रैल 2012 से पहले नियुक्त अध्यापकों को पुराने नियमों अनुसार पदोन्नति का लाभ देने, पदोन्नति कोटा न्यूनतम 50 प्रतिशत करने जैसे मुद्दों को उनके समक्ष उठाया। 
प्रतिनिधिमंडल ने ये उठाए मुद्दे 
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उपप्रधान महताब सिंह मलिक, महीपाल व संगठन सचिव बलवीर सिंह, गजे सिंह भ्याण, सत्यनारायण यादव, याद राम शर्मा, जरनैल सिंह सांगवान व बलजीत शास्त्री ने कहा कि बैठक में शक्तियों के विकेंद्रीकरण, हजारों की संख्या में लंबित एसीपी मामलों को विशेष अभियान चलाकर हल करने, सभी कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू करने, बच्चों के लंबित स्टाय फंड राशि को जारी करने, एक्सग्रेसिया, एलटीसी सहित सभी स्कीमों का पर्याप्त मात्रा में बजट जारी करने, मिड-डे-मील योजना को सुचारू रूप से चलाने व इसकी रेसिपी में वांछित संशोधन करने, डीएड छात्रों की इंटर्नशिप रद्द करने आदि मुद्दे भी उठाए गए।
सार्वजनिक शिक्षा ढांचे के विस्तार की मांग 
पदाधिकारियों ने कहा कि संघ ने अध्यापकों की समस्याओं के साथ-साथ जन शिक्षा के विस्तार में सभी शहरों व कस्बों में नई आबादियों में प्राथमिक से लेकर 10+2 तक के विद्यालय खोले जाने व शहरों के पुराने विद्यालयों को छात्र संख्या अनुसार विस्तार किया जाने की मांग की। एनजीओ की भागेदारी मात्र सहयोग तक सीमित रखी जाए अर्थात शिक्षा विभाग के मूल ढांचे को सुदृढ़ करते हुए सभी निर्णय विभाग द्वारा लिए जाएं। अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लिए जाने विशेषकर बीएलओ ड्यूटी व कमरों के निर्माण जैसे कार्य से मुक्त किया जाए। प्रत्येक दृष्टि से फेल समेस्टर प्रणाली को समाप्त किया जाए।                                  dbjnd

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