बहल : सूचना क्रंाति के दौर में भले ही गुरुजी अपडेट न हो, लेकिन बच्चे पूरी तरह से अपडेट है। यही कारण रहा कि बिधनोई के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में दिल्ली चुनाव के लिए हरियाणा के विद्यालयों में अवकाश रद होने की सूचना विद्यार्थियों को तो मिल गई और वे पढ़ाई के लिए विद्यालय भी पहुंच गए। लेकिन अध्यापक पुरानी सूचना पर घर पर ही आराम फरमाते रहे। कुछ देर इंतजार के बाद विद्यार्थी भी अपने अपने घरों को लौट गए।
बाद में मीडिया में सूचना आने के बाद अध्यापकों की आंख खुली और आनन-फानन में विद्यालय पहुंचने शुरू हुए। लेकिन, इतना ही समय बचा था कि वे केवल हाजिरी रजिस्टर में अपनी हाजिरी ही अंकित कर पाए। औपचारिकता के लिए विद्यार्थियों को भी सूचना देकर विद्यालय बुलाया गया लेकिन पढाई नहीं हो सकी।
हुआ यूं कि पहले यह सूचना जारी की गई थी कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मध्यनजर प्रदेश के विद्यालयों में अवकाश रहेगा। इसी सूचना के आधार पर विद्यालय के अध्यापकों ने विद्यार्थियों को सूचित कर अवकाश मना लिया। लेकिन, शनिवार को प्रदेश में अवकाश नहीं होने की सूचना मिलने पर विद्यार्थी विद्यालय में पहुंचने शुरू हो गए। लेकिन, अध्यापकों ने नई सूचना की जानकारी नहीं ली। यही कारण रहा कि विद्यालय में नियुक्त पांच अध्यापकों में एक भी अध्यापक नहीं पहुंचा। इसके अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ के सदस्य भी विद्यालय नहीं आए। करीब एक घंटा इंतजार के बाद विद्यार्थी अपने-अपने घरों को लौट गए। बाद में मामले की जानकारी मीडिया में आने के बाद अध्यापकों को अपनी गलती का अहसास हुआ और विद्यालय की ओर भागे। करीब तीन घंटे की देरी से आनन-फानन में पहुंचे अध्यापकों को वहां एक भी विद्यार्थी नहीं मिल पाया।
विद्यालय में प्राइमरी हैड के अलावा चार अध्यापक है। इसके अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ भी है। लेकिन, यह बात समझ से परे है कि किसी ने भी नए आदेशों पर गौर नहीं किया कि प्रदेश में अवकाश नहीं है।
"सूचना मिली थी कि दिल्ली चुनाव के कारण प्रदेश के विद्यालयों में अवकाश रहेगा। लेकिन शनिवार को नई सूचना आई वो हमें नहीं मिल पाई। मेरा गांव ऐसी लोकेशन में है जहां न तो समाचार पत्र पहुंच पाता है और न ही संचार व्यवस्था का साधन। इस कारण कम्यूनिकेशन गैप रहने से विद्यालय दो घंटे देरी से लग पाया"-- सुरेश कुमार, प्राइमरी हैड, राजकीय प्राथमिक पाठशाला, बिधनोई।
"आज सूचना क्रांति के दौर में हम विदेशों से आगे निकलने की होड़ में है। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र में हालत यह है कि अध्यापक अपने विद्यालय की सूचना के बारे में ही अपडेट नहीं है। इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है। सरकार को मामले में संज्ञान लेना चाहिए। "-- राकेश, समाजसेवी, बिधनोई।
"यह गलत है कि नई सूचना आने के बाद विद्यालय में कोई स्टाफ नहीं पहुंचा हो। मामला मेरी संज्ञान में नहीं है। मैं इसकी पूरी जानकारी लूंगा तथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी"-- अमीलाल, खंड शिक्षा मौलिक अधिकारी, बहल।
"प्रदेश के विद्यालयों में अवकाश नहीं होने के बाद भी बिधनोई के स्कूल में अध्यापकों ने अवकाश मना लिया। विद्यार्थियों को विद्यालय में अध्यापक नहीं होने से बिना पढाई के लोटना पड़ा। यह बहुत ही निंदाजनक है,पहले भी कई बार अध्यापकों की लेटलतीफी की बातें सामने आई है"-- रोहताश, प्रधान, एसएमसी, राजकीय विद्यालय, बिधनोई। au
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.