** गवर्नमेंट स्कूल : इसका असर 90 हजार बच्चों के भविष्य पर पड़ना तय, पहले ही 104 गेस्ट टीचर को बर्खास्त करने से पढ़ाई बाधित
** फरवरी में स्कूल मुखियाओं को पेपर और डेटशीट तैयार करनी है। परिणाम बेहतर नहीं हुआ तो गाज मुखियाओं पर गिरेगी
फरीदाबाद : गवर्नमेंट स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई रामभरोसे है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं 12वीं कक्षा की परीक्षा सिर पर है। जबकि गुरुजी गांवों में वार्डबंदी में लगे हैं। ऐसे में इसका असर करीब 90 हजार बच्चों के भविष्य पर पड़ना लाजिमी है। बल्लभगढ़ ब्लॉक में प्राइमरी टीचरों को वार्डबंदी के काम पर लगाने के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। इस खंड के 80 शिक्षकों की ड्यूटी वार्डबंदी में लगी हुई है। इसके अलावा जिले के 104 गेस्ट टीचर हाल में बर्खास्त कर दिए गए हैं।
टीचरों के पद हैं खाली :
जिले के प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल सीनियर सेकंडरी स्कूल में निर्धारित विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पद खाली हैं। ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी वार्डबंदी में लगाने से शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जताई है। अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति से अवगत करा दिया है। हालात ऐसे हैं कि कई स्कूलों में दो-तीन शिक्षकों से काम चलाना पड़ रहा है।
रिजल्ट नहीं रहा ठीक :
पिछले साल 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। 12वीं कक्षा के रिजल्ट में प्रदेश में जिले का रैंक 18वां था। वहीं 10वीं में 12वें स्थान से संतोष करना पड़ा था। पांच साल में एक बार भी इन दोनों कक्षाओं में जिला टॉप टेन में नहीं रहा है।
हर महीने परीक्षा जरूरी :
पहली से आठवीं कक्षा तक सतत समग्र मूल्यांकन(सीसीई) के तहत हर माह परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसे जनवरी से अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत यह जरूरी है। जनवरी में शिक्षा विभाग ने पेपर स्कूलों को भेजे थे।
5 मार्च से बोर्ड की परीक्षा
बोर्ड की परीक्षा 5 मार्च से शुरू हो रही है। अभी स्कूलों में रिवीजन का समय होता है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने अधिकारियों से मिलकर शिक्षकों को वार्डबंदी के काम से मुक्त करने की गुजारिश की है।
"परीक्षा के समय शिक्षकों की अधिक आवश्यकता बच्चों को पड़ती है। यह समय निर्णायक होता है। ऐसे में छात्रों को प्वाइंट टू प्वाइंट पढ़ने की जरूरत है। जिससे बेहतर अंक पाए जा सकें। क्वेश्चन बैंकों का सहारा लिया जा सकता है। इससे तैयारी की जा सकती है।"-- डॉ.आरएन सिंह, समाजशास्त्री शिक्षाविद
"सीसीई के तहत हर माह स्कूलों में परीक्षा अनिवार्य है। शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद शिक्षक कड़ी मेहनत कर रहे हैं। शिक्षकों को अन्य कामों में लगा देने से पढ़ाई पर असर पड़ना तय है। विरोध दर्ज कराया गया है"-- चतरसिंह, जिलाध्यक्ष राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ
"परीक्षा के मौके पर शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य से हटाकर अलग ड्यूटी पर लगाना उचित नहीं है। इसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ता है। निश्चित तौर पर इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ जाती है। "-- एनएलजांगिड़, अध्यक्ष अभिभावक एकता मंच फरीदाबाद
"ड्यूटी स्कूल के समय के बाद ही संभव है। पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। शिक्षक हर समय सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं। शैक्षणिक कार्यों में असर पड़े इसका ध्यान रखा जाता है। "-- रामकुमार फलसवाल, डीईईओ
"ऐन परीक्षा के समय शिक्षकों को वार्डबंदी के काम में लगाना नहीं चाहिए। इसका असर पढ़ाई पर पड़ना लाजिमी है। संघ ने मांग की है कि शीघ्र उन्हें वार्डबंदी के काम से मुक्त किया जाए, जिससे पढ़ाई पर असर न पड़े। "--राजसिंह, जिलाध्यक्ष, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ-93 db
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