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Thursday, 19 February 2015

सेवा नियम बनाए पर स्वीकृत नहीं पद

चंडीगढ़ : प्रदेश के मौलिक स्कूलों में टीजीटी (टेंड ग्रेजुएट टीचर्स) हिंदी, अंग्रेजी और गणित के पद ही स्वीकृत नहीं हैं। स्कूल शिक्षा विभाग हालांकि इन पदों के सेवा नियम बना चुका है। अब शिक्षक मौलिक स्कूलों में ये पद सृजित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। बृहस्पतिवार को शिक्षक संगठनों की स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता से हो रही बैठक में भी ये मुद्दा उठेगा। मौलिक स्कूलों में स्वीकृत पद न होने के कारण अन्य शिक्षकों को ही ये विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं। बैठक के दौरान शिक्षकों की ओर से स्कूल प्राध्यापकों के पद पर टीजीटी की प्रोन्नति का मामला भी उठाया जाएगा। साढ़े सात साल से पदोन्नति न होने के कारण कोर्ट के साढ़े आठ हजार पद खाली पड़े हैं। पीजीटी पदों पर पदोन्नति में अध्यापन विषय की शर्त हटाने की मांग उठाने की भी तैयारी है। शिक्षक संगठनों ने बैठक के लिए अपना एजेंडा तैयार कर लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय में साढ़े तीन बजे शुरू होने वाली बैठक में शिक्षक संगठनों के पांच प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने बताया कि बैठक में मिडिल हेड की पदोन्नति सूची जल्द जारी करने की मांग भी की जाएगी। 18 सौ पद खाली चल रहे हैं। मिडिल हेड को डीडीओ पावर व द्वितीय श्रेणी का दर्जा, रेशनेलाइजेशन के अनुसार कक्षा का आकार 35 छात्र से अधिक न हो, 5वीं व 8वीं में बोर्ड परीक्षाएं शुरू की जाएं, स्कूलों में पास-फेल सिस्टम शुरू हो, वार्षिक स्कूल कलेंडर एक बार जारी करने व पंद्रह दिन तक छात्र के अनुपस्थित रहने पर नाम काटने की अनुमति देने के मुद्दे पर भी विस्तार चर्चा होगी। जल्द ही इन मांगों को पूरा करने का आग्रह भी किया जाएगा।                                                      dj

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