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Tuesday, 17 February 2015

प्रदेश के 3 लाख कर्मचारियों का वेतन बढ़ने के आसार

** प्रदेश सरकार की पहल 
** वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए सरकार ने गठित किया आयोग
** कर्मचारी 15 अप्रैल तक दर्ज कर सकेंगे आपत्तियां 
चंडीगढ़ : प्रदेश की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की वेतन संबंधी असमानताओं को दूर करने के लिए वेतन विसंगति आयोग गठित किया है। सरकार ने कर्मचारियों, कर्मचारी संघों एवं यूनियनों से वेतन संबंधी आपत्तियां पूरे ब्योरे के साथ दर्ज करने को कहा है। कर्मचारी अपने वेतन की जानकारी अपने प्रशासनिक विभाग के माध्यम से 15 अप्रैल तक आयोग को दे सकते हैं। सरकार के इस फैसले से करीब 50 हजार पुलिसकर्मियों समेत लगभग 3 लाख कर्मचारियों का वेतन बढ़ने के आसार हैं।       
बजट सत्र 5 मार्च से 
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होगा। प्रदेश की भाजपा सरकार का यह पहला बजट है। इस वजह से हर किसी की नजर इस बजट पर है। फरवरी में केंद्र का बजट जाएगा। इसके बाद हरियाणा का बजट आएगा। 
सरकार पर था दबाव 
कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन देने का निर्णय लिया था। लेकिन भाजपा सरकार ने हुड्डा सरकार के निर्णय को पलट दिया। ऐसे में कर्मचारी अपने इस मांग को लेकर एक बार फिर मुखर हो रहे थे। 
कर्मचारियों की मांग 
5वें वेतन आयोग की सिफारिश में पटवारी, बस कंडक्टर, क्लर्क एक ही ग्रेड में थे। लेकिन छठे वेतन आयोग की सिफारिश में पटवारी क्लर्क बस कंडक्टर से आगे निकल गए। इस तरह कर्मचारियों को तो केंद्र का ग्रेड मिल रहा है और ही पंजाब के बराबर वेतनमान। 
पिछली सरकार ने बनाया, अब सक्रिय हुआ
हुड्डा सरकार ने सितंबर 2014 में वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए आयोग गठित किया था। सेवानिवृत आईएएस अधिकारी जी. माधवन को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए था। जिसे इतनी ही अवधि के लिए और बढ़ाया जा सकता है। हुड्डा सरकार में आयोग का स्टाफ पूरा नहीं हुआ था। वर्तमान सरकार में आयोग का स्टाफ पूरा किया गया है। इसके अलावा आयोग अब काम को लेकर भी सक्रिय हुआ है                                        db

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