रोहतक : प्राइवेट स्कूलों की ओर से स्टाफ स्टेटमेंट न भरने से शिक्षा विभाग ने बोर्ड की परीक्षा के लिए जारी रोल नंबर रोक लिए हैं, जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
स्कूल प्रबंधकों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पहले से ही बच्चे बोर्ड परीक्षा को लेकर काफी चिंतित है, वहीं अब रोल नंबर रोक लेने से उनकी चिंता दोगुनी हो गई है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के सदस्यों ने बच्चों के रोल नंबर तुरंत प्रभाव जारी करने की मांग की है।
शिक्षा विभाग ने स्कूल संचालकों के फोन पर मैसेज से सूचना भेजी थी कि स्टाफ स्टेटमेंट ऑनलाइन भरकर जमा की जाएं, लेकिन अभी तक प्रदेश के आधे के करीब स्कूल संचालकों ने रिपोर्ट जमा नहीं करवाई है। इसका कारण है कि शिक्षा विभाग ने ई-मेल न भेजकर फोन पर मैसेज दिया है, जबकि अधिकांश स्कूल संचालकों के नंबर बदल चुके है, जिससे उनके पास मैसेज पहुंचा ही नहीं। इस बारे में हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ राज्य प्रधान सत्यवान कुंडू का कहना है कि यह इतनी बड़ी बात नहीं है जिसके लिए बच्चों के रोल नंबर रोक लिए जाएं।
बच्चे पहले ही बोर्ड परीक्षा को लेकर घबराए हुए हैं ऊपर से शिक्षा बोर्ड का यह फरमान बच्चों पर मानसिक तनाव को बढ़ाने का काम करेगा, जिससे उनकी बोर्ड परीक्षा पर भी असर पड़ेगा। उनका कहना है कि अगर स्कूलों द्वारा स्टाफ स्टेटमेंट रिपोर्ट भेजने में किसी प्रकार की कोई लापरवाही हुई भी है तो इसमें बच्चों का कोई दोष नहीं है। उनके रोल नंबर रोकना गलत है। शिक्षा बोर्ड को बच्चों का इस्तेमाल कर स्कूलों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।
स्कूलों से स्टाफ स्टेटमेंट मंगवाने के और भी कई तरीके हो सकते है इसमें रोल नंबर रोक लिए जाने जैसे निर्णय न्याय संगत नहीं है। उन्होंने बोर्ड प्रशासन से बच्चों के रोल नंबर तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है।
तीन स्कूलों के रोके रोल नंबर
स्टाफ स्टेटमेंट जमा न करने के कारण रोहतक के तीन स्कूलों में पढ़ने वाले करीब चार सौ बच्चों के रोल नंबर रोके गए है। ऐसे में बच्चों को बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ परीक्षा में न बैठने का भय भी सता रहा है। अगले महीने से परीक्षा शुरू हैं और शिक्षा बोर्ड का यह निर्णय उनकी परीक्षा के भी प्रभावित कर सकता है।
शिक्षा विभाग जल्द जारी करे रोल नंबर
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के जिला प्रधान रविंद्र नांदल ने कहा कि बच्चों के रोल नंबर रोकना शिक्षा विभाग की मनमानी को दर्शाता है। रोल नंबर रोकने से बच्चों का साल खराब हो सकता है। शिक्षा विभाग को ऐसा निर्णय लेने से पहले बच्चों के भविष्य के बारे में सोच लेना चाहिए। उन्होंने बच्चों के रोल नंबर जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है। dj
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