पंचकूला : कंप्यूटर शिक्षकों से सिक्योरिटी अन्य मदों की आड़ में करोड़ों वसूलने वाली तीनों कंपनियां टर्मिनेट होंगी। कोर्ट के आदेश के बाद कंपनियों कंप्यूटर शिक्षकों के बीच ऑर्बिटेशन कर रहे स्कूल एजुकेशन विभाग के वित्तायुक्त आर्बिट्रेटर टीसी गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में कंपनियों को टर्मिनेट करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में उन्होंने कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से वसूली गई राशि को वापस दिलवाने की भी बात कही है।दो साल से कर रहे हैं संघर्ष :
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों को भर्ती करने के नाम पर ठेका लेने वाली तीन निजी कंपनियों ने खूब मनमानी चलाई। कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से करोड़ों रुपए उगाहे। आवेदन के नाम पर शिक्षकों से 250 की जगह 750 रुपए वसूले गए। इसमें करीब 25 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। कंपनियों की अवैध वसूली का खेल शिक्षकों की नियुक्ति के दौरान हुआ। नियुक्त किए गए 2722 कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से 24-24 हजार रुपए की सिक्योरिटी वसूल की गई। इस तरह से तीनों निजी कंपनियों ने करीब 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से वसूले।
कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षकों से धांधली कर अवैध तरीके से करोड़ों रुपए कमाए, यह शिक्षा विभाग ने भी माना था। 7 अगस्त 2014 को निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में साफतौर पर कहा गया था कि कंपनियों ने गलत तरीके से सिक्योरिटी वसूली और साथ ही साथ शिक्षकों के ईएसआई पीएफ फंड में भी धांधली की।
जारी रहेगा धरना : बलराम
2,852कंप्यूटर टीचर अपनी सेवाओं को सरकार में समायोजित करने की मांग पर धरना जारी रखेंगे। प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान ने बताया कि अभी धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल सिर्फ कंपनियों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। कंप्यूटर टीचरों को कैसे एडजस्ट किया जाएगा, इस पर सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। कंप्यूटर टीचरों के लिए पंजाब की तर्ज पर पॉलिसी बननी चाहिए। इसको लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।
कंपनियों को पाया था दोषी
बाद में विभाग ने शिक्षकों की शिकायत पर कड़ा कदम उठाते हुए आदेश दिए थे कि कंप्यूटर शिक्षकों की सैलरी कंपनियों के माध्यम से नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूल मुखियाओं के माध्यम से भेजी जाएगी। निजी कंपनियों को स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी जांच में दोषी पाया और उनके टेंडर को रद्द करने के लिए नोटिस भी जारी किए थे।
विभाग के नोटिस जारी करने के बाद कंपनियां कोर्ट में चली गई थीं। कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त को विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया था। शिक्षा सदन के बाहर पिछले साल भी करीब 1 माह तक उन्होंने तनख्वाह के लिए धरना दिया था और अब भी बीते करीब 1 महीने से स्कूलों का बहिष्कार करके धरने पर बैठे हुए थे। 12 फरवरी को तो एक कंप्यूटर शिक्षक ने कंपनियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आत्मदाह तक करने का प्रयास किया था।
शिक्षकों को वापस दिलाएं राशि : गुप्ता
वित्तायुक्त आर्बिट्रेटर टीसी गुप्ता ने सोमवार को सुनाए अपने ऑर्बिटेशन अवार्ड में साफतौर पर कंपनियों की गड़बड़ी को उजागर किया है सिफारिश की है कि इन कंपनियों को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट किया जाए। इसके अतिरिक्त कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से वसूली गई राशि को कंपनियों से वापस दिलवाया जाए। कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाएं जारी रखी जाएं या नहीं, इसके बारे में सरकार ही अपने स्तर पर निर्णय ले। db
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