रोहतक : बिना हाजिरी लगाए शिक्षक बनने वालों पर अब एमडीयू सख्त होने जा रहा है। बंक मारकर या बिना कॉलेज में आए बीएड की डिग्री लेना आसान नहीं होगा। इसके लिए बीएड कॉलेजों का डाटा भावी शिक्षकों की हाजिरी भी ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए एमडीयू प्रबंधन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बता दें कि कुलपति की ओर से बीएड कॉलेजों में औचक निरीक्षण किए जाने के दौरान काफी चौंकाने वाले हालात देखने को मिले थे। अधिकतर कॉलेजों में हाजिरी ठीक मिलने से हालात खराब ही मिले और प्रबंधक बहाना मारते रहे। एक कॉलेज में तो मात्र 15 ही छात्र मिले तो वहीं एक कॉलेज में छुट्टी होने का बहाना बना दिया गया था। ऐसे में कुलपति की ओर से इन्हें सुधारने का फैसला लिया गया है।
तीन महीने में होंगे ऑनलाइन
फिलहाल एमडीयू के तहत 298 एजुकेशन कॉलेज चल रहे हैं। इनमें से अधिकतर में भावी शिक्षकों की हाजिरी सुचारू नहीं है। ऐसे में अब इन कॉलेजों का डाटा आगामी दो से तीन माह के अंदर ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके लिए वेब पोर्टल तैयार किया जाना है। सभी कॉलेजों से डाटा भी जुटाया जा रहा है।
ये जानकारियां होंगी नेट पर
प्रत्येक बीएड कॉलेज में कितनी सीटें हैं, कितनी सीटों पर दाखिला दिया गया है, कॉलेजों के लिए प्रयोग होने वाली गाइडलाइन और ढांचागत सुविधाओं जैसे लाइब्रेरी क्लासरूम की जानकारी, पढ़ाने वाले शिक्षकों की सूची के समेत दाखिल विद्यार्थियों की हाजिरी लिस्ट भी रोजाना अपडेट करनी होगी।
ये हैं हालात
अधिकतर कॉलेजों में 40 फीसदी तक नॉन अटैंडिंग रहकर ही पढ़ाई की जाती है। इस तरह से दाखिला लेकर ज्यादा राशि कॉलेज को देकर हाजिरी पूरी करवाई जाती है। वहीं डिग्री को मजाक बना शिक्षक बनने वालों को भी अब कक्षाएं लगानी होंगी, ताकि भविष्य की पौध को उत्तम बनाया जा सके।
"बीएड कॉलेज भावी शिक्षकों को तैयार करने के लिए हैं। यदि खुद भावी शिक्षक ही हाजिरी पर ध्यान नहीं रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी पर क्या असर पड़ेगा। स्वयं ऑनलाइन आधार पर उनका निरीक्षण किया जाएगा। यदि बार-बार चेतावनी के बाद भी कॉलेजों के हालात नहीं सुधरे, तो उन कॉलेजों को बंद कर दिया जाएगा। हमारा मकसद कॉलेजों में सुधार लाना है।"-- एचएसचहल, कुलपति, एमडीयू। db
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